उत्तर प्रदेश

‘‘मानव वन्यजीव संघर्ष’’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न वन्यजीवों का संरक्षण कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी का सुखद भविष्य सुनिश्चित करने के लिये किये जाने वाला कार्य: केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वन्यजीवों का संरक्षण कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं, बल्कि यह भावी पीढ़ी का सुखद भविष्य सुनिश्चित करने के लिये किये जाने वाला कार्य है। उन्होंने कहा कि मनुष्य, पक्षी व पशु एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। जैसा व्यवहार हम पशुओं के साथ करेंगे, वैसा ही व्यवहार वह हमारे साथ करेंगे।

श्री मौर्य आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में आयोजित ‘‘मानव वन्यजीव संघर्ष’’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने गिद्धों की कम होती संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि प्रकृति के सफाई कर्मी गिद्धों को वापस लाने हेतु हम सबको मिलजुल कर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई हेतु सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान के साथ-साथ गंगा को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ रखने वाले कछुए व अन्य जलीय प्राणियों को संरक्षित रखने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।

प्रदेश के वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं उद्यान मंत्री, श्री दारा सिंह चैहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वन्यजीवों को वन क्षेत्र से बाहर आने से रोकने हेतु उन्हें वन क्षेत्र में ही भोजन एवं जल उपलब्ध कराने, वन क्षेत्र के समीप रहने वाले लोगों के परम्परागत ज्ञान का उपयोग, ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन एवं अवैध कटान पर नियंत्रण सहित विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल की पीढी प्रकृति की व्यवहारिक शिक्षा वन क्षेत्रों से न प्राप्त कर डिस्कवरी जैसे चैनलों से प्राप्त कर रही है, जिससे उन्हें प्रकृति के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है और वह चैनल द्वारा उपलब्ध करायी जा रही जानकारी को ही सत्य मान रहे हैं। वन्य प्राणियों के व्यवहार की जानकारी प्रदेशवासियों को देने एवं समाज को इसके प्रति संवेदनशील बनाने के लिये सरकार निरन्तर प्रयासरत् है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के इस प्रयास को प्रभावी एवं सफल बनाने में चैथा स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण का कार्य प्राथमिकता से किया जायेगा। इसमें जंगल के आस-पास रहने वाले लोगों से प्राप्त सुझावों एवं उनके सहयोग से इस कार्य को गति प्रदान की जायेगी।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि, उप मुख्यमत्री, श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री, श्री दारा सिंह चैहान द्वारा वन्यजीवों के रेस्क्यू आॅपरेशन में सराहनीय कार्य करने वाले 28 नागरिकों, गैर सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में ‘‘स्पअपदह ॅपजी ज्ीम ॅपसक.डपजपहंजपदह ब्वदसिपबज इमजूममद भ्नउंदे ंदक ठपह ब्ंज ैचमबपमे पद न्जजंत च्तंकमेी’’ नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।

  इस अवसर पर कार्यशाला में श्री रवि वर्मा, मा0 सांसद, श्री केशव वर्मा, सलाहकार, उ0प्र0, प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण, श्रीमती रेणुका कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष, डाॅ0 रूपक डे, सचिव, वन एवं वन्यजीव, श्री संजय सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्री एस0के0 उपाध्याय, प्रबंध निदेशक, उ0प्र0 वन निगम श्री एस0के0 शर्मा, प्रमुख वन संरक्षक, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण श्री पवन कुमार एवं महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड एवं गुंजरात राज्य के वनाधिकारियों सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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