उत्तराखंड

उत्‍तराखंड: पुलिस कर्मियों की सेवा नियमावली तैयार

देहरादून : राज्य गठन के 17 वर्ष बाद आखिरकार पुलिस कर्मियों की अपनी सेवा नियमावली बनने जा रही है। इसके लिए गृह महकमे ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसमें कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल वाहन चालकों की भर्ती प्रक्रिया, पदोन्नति और विभागीय कार्यवाही को शामिल किया गया है। गृह से अब यह पत्रावली विधिक राय के लिए न्याय विभाग, वित्त को भेजी जा चुकी है। यहां से अनुमति मिलने पर इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा।

राज्य गठन के बाद उत्तराखंड के तमाम विभागों ने अधिकांश नियम उत्तर प्रदेश के ही लागू किए। पुलिस महकमे में ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने अपना एक्ट तो बनाया लेकिन नियमावली बनाने के लिए कभी ठोस कदम नहीं उठाया। नियमावली न होने के कारण अधिकारी अपनी इच्छानुसार ही पदोन्नति व तबादले कर रहे थे। इस कारण राजनीतिक पहुंच रखने वाले पुलिस कर्मी मैदानी जिलों में ही नौकरी करते रहे तो बिना सिफारिश वाले पुलिस कर्मी पर्वतीय जिलों से नीचे नहीं उतर पाए।

 

ऐसा ही पुलिस कर्मियों में होने वाली विभागीय कार्यवाही में हुआ। कई पुलिस कर्मी बिना किसी सुनवाई के बर्खास्त कर दिए गए। मामले जब अदालत में पहुंचे तो शासन को इनका जवाब देना भारी पड़ गया। इन्हीं सब बिंदुओं को देखते हुए पुलिस महकमे की नियमावली बनाए जाने की जरूरत महसूस की गई। इस पर बीते वर्ष शासन ने पुलिस को नियमावली का ड्राफ्ट बनाकर भेजने को कहा।

तकरीबन एक साल तक कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया। प्रस्तावित नियमावली में सीधी भर्ती और रैंकर कोटे के जरिए पदोन्नति की पुरानी प्रक्रिया में बदलाव के साथ ही वरिष्ठता तय करने और भर्ती के मानक तैयार किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय की ओर से पुलिस के हर वर्ग की नियमावली अलग-अलग बनाई गई है। बीते तीन माह से शासन में इस पर गहन अध्ययन चल रहा है।

कुछ समय पूर्व प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी इस नियमावली को शीघ्र लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद गृह विभाग ने कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल के साथ ही कांस्टेबल वाहन चालकों की नियमावली को अपनी ओर से अंतिम रूप दे दिया है। इस नियमावली को कार्मिक व न्याय से पारित कराने के बाद कैबिनेट में लाने की तैयारी है ताकि इस पर अंतिम मुहर लगाई जा सके। इसके बाद इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर, घुड़सवार बल, आर्मरर और आशु लिपिक तथा लिपिकों के लिए नियमावली तैयार जाएगी।

 

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