उत्तराखंड

इन त्योहारों में है फूलों का अपना अलग ही महत्व, जानिए

देहरादून : त्योहारों के साथ शादी के सीजन के आगमन ने बाजार में फूलों के कारोबार में तेजी ला दी है। जिससे बाजार फूलों की खुश्बू से महक उठा है और फूल कारोबारियों के चेहरे भी खिलने लगे हैं। आलम यह है कि शुरुआती सीजन में ही फूलों के कारोबार में चार गुना उछाल देखने को मिला है।

नवरात्र संपन्न होने के बाद अब दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली आदि पर्व की धूम रहेगी। यह समय शादी के लिए भी शुभ लग्न माना जाता है। इसलिए इस सीजन का व्यापारियों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इन शुभ अवसरों में फूलों का अपना खास महत्व होता है। इसीलिए तो सीजन शुरू होते ही फूलों का बाजार पूरी तरह से सज चुका है।

बाजार में कलकत्ती गेंदा, गुलाब की मांग सबसे अधिक है। इनके अलावा गोदावरी, ओरकेड, टारनेशन, लिली, रजनीगंधा, मोगरा समेत कई अन्य फूलों की भी अच्छी मांग है। वहीं शादी व त्योहारों में विभिन्न प्रकार के फूलों के बुके व मोगरा का गजरा भी खास ट्रेंड में हैं। पलटन बाजार के फूल व्यापारी भरत गुलाटी ने कहा कि आम तौर पर उनकी दुकान में फूलों की मांग एक कुंतल रहती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में फूलों की मांग चार गुना बढ़ी है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर दून में प्रतिदिन पांच से छह कुंतल फूलों का व्यापार होता है, जो इस सीजन में करीब 40 से 50 कुंतल तक पहुंच जाता है। वहीं, फूल व्यापारी सुरेश ने कहा कि सीजन के शुरुआती दिनों को देखते हुए आने वाले दिनों में फूलों का कारोबार 5 से 6 लाख रुपये प्रतिदिन पहुंचने की उम्मीद है।

इनकी है खास मांग 

गेंदे की माला,15 रुपये

गुलाब की माला,200 से 250

फूलों के बुके,150 से 700

मोंगरा का गजरा,50 से 75

कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में नजर आया जीएसटी का असर 

त्योहारी व शादी सीजन में कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के कारोबार में जीएसटी का असर भी देखने को मिल रहा है। कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि कपड़ा बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में 20 से 30 फीसद ही बिक्री हो रही है। व्यापारियों ने इसके लिए जीएसटी के  कारण वस्तुओं के बढ़े दामों को जिम्मेदार ठहराया हैं। एक बड़े व्यापारी ने बताया कि इस सीजन में पिछले वर्ष उनका करीब 60 लाख रुपये का कारोबार हुआ था, जो इस बार 35 से 40 लाख रुपये रहने का अनुमान है।

वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापारी भी व्यापार से खुश नहीं हैं। तिलक रोड के व्यापारी शशि ने कहा कि जीएसटी के कारण इलैक्ट्रॉनिक्स सामान के दामों में दो से तीन फीसद बढ़ोतरी हुई है। साथ ही चाइनीज सामान विरोधी फैक्टर भी बड़ी वजह है। कहा कि चाइनीज सामान को लेकर बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जो चाइनीज सामान 30 रुपये में उपलब्ध है, उसी भारतीय उत्पाद का मूल्य करीब 150 रुपये है। व्यापारियों ने ग्र्राहकों का रुख देखते हुए चाइनीज माल तो खरीद लिया, लेकिन सरकार की ओर से चाइनीज सामान के बहिष्कार की अपील करने से व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ेगा।

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