उत्तर प्रदेश

लखनऊ में टीकाकरण के आधे घंटे में डेढ़ माही की बच्ची की मौत, हंगामा

लखनऊ। गोलागंज स्थित अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) में बुधवार को टीकाकरण के आधे घंटे के अंदर एक डेढ़ माह की बच्ची की मौत हो गई। अलीगंज निवासी दंपती अपनी बच्ची का पहला टीकाकरण करवाने अस्पताल आए थे। टीकाकरण के बाद वह बच्ची को लेकर घर गए, जिसके थोड़ी देर बाद मां ने देखा कि उसकी नाक से खून निकल रहा है।

आनन-फानन में दंपती बच्ची को फिर से अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की खबर सुनकर माता पिता फूट-फूटकर रोने लगे। वहीं पिता ने आरोप लगाया कि वैक्सीन ठीक नहीं थी और इसे किसी प्रशिक्षित स्टाफ ने नहीं लगाया था, जिसकी वजह से उनकी बच्ची की मौत हो गई।

अलीगंज सेक्टर-ई इंदिरा नगर निवासी अरुण कुमार त्रिपाठी अपनी डेढ़ माह की बच्ची अराधिका का पहला टीकाकरण करवाने डफरिन अस्पताल आए थे। तकरीबन 11.15 मिनट पर पर्चा बनवाकर वह बालरोग विभाग की ओपीडी में गए। जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ. मोहित ने बच्ची का वैक्सीनेशन कार्ड देखकर उसे वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीनेशन रूम में भेज दिया।

अरुण ने बताया कि वैक्सीनेशन रूम में एक वार्ड ब्वॉय ने बच्ची को वैक्सीन पिलाई और इंजेक्शन लगाया। इसके बाद ओपीडी के बाहर वह 10 मिनट तक रुके और घर चले आए। अरुण के रिश्तेदार गौतम ने बताया कि घर आने के बाद मां निधि ने बच्ची को दूध पिलाया और लिटा दिया। कुछ ही देर में बच्ची की नाक से खून आने लगा। यह देखकर दोनों बदहवास होकर अस्पताल की ओर भागे।

अरुण अपने साथ कुछ रिश्तेदारों को लेकर डफरिन अस्पताल पहुंचे। ओपीडी में मौजूद बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित और फैजान ने बच्ची को देख और उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। निधि और अरुण का रो रोकर बुरा हाल था। अरुण ने आरोप लगाया कि बच्ची का वैक्सीनेशन किसी अप्रशिक्षित स्टाफ ने किया था जो महिला वैक्सीनेशन करती है उसने नहीं किया।

ओपीवी, आइपीवी और पेंटावेलेंट की डोज लगी: बच्ची डफरिन अस्पताल में ही पैदा हुई थी। जन्म के बाद पिलाई गई डोज के बाद माता-पिता उसके पहले वैक्सीनेशन के लिए आए थे। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.मोहित ने बताया कि अगर वैक्सीन खराब होती तो अन्य बच्चों को भी कुछ न कुछ परेशानी होती।

डॉ. एमके सिंह ने बताया कि सीज करने से पहले उसी वैक्सीन में 17 बच्चों को ओपीवी, 29 बच्चों को आइपीवी और नौ बच्चों को पेंटावेलेंट वैक्सीन लगाई गई, जिसमें सभी बच्चे स्वस्थ्य एवं सुरक्षित हैं।

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