उत्तर प्रदेश

मुजफ्फरनगर में शिक्षिकाओं की बर्खास्तगी के विरोध में छात्राएं, स्कूल छोड़ा

मुजफ्फरनगर  करीब चार महीने पहले जांच के नाम पर चर्चा में आया बागपत का कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है। यहां पर जांच के नाम पर छात्राओं के कपड़े तक उतरवाने के मामले में बर्खास्त नौ शिक्षिकाओं के निकाले जाने के विरोध में छात्राएं आ गई हैं। कल इसके विरोध में 71 छात्राओं ने विद्यालय छोड़ दिया। फिलहाल वहां पर सन्नाटा पसरा है।

मुजफ्फरनगर के खतौली में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं के कपड़े उतरवाने के मामले में दोषी पाई गईं शिक्षिकाओं के साथ कर्मचारियों को हटाने के विरोध में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में जमकर हंगामा हुआ। शिक्षिकाओं व स्टाफ ने दुबारा निष्पक्ष जांच की मांग की और न्याय न मिलने पर डीएम कार्यालय पर आत्मदाह की चेतावनी दी। हटाई गईं शिक्षिकाओं के समर्थन में 71 छात्राएं अपने घरों को लौट गईं। करीब 20 पहले ही शिवरात्रि पर अवकाश के दौरान घर जा चुकी थीं। अब पूरा स्कूल खाली हो गया।

गांव तिंगाई स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में मार्च के अंतिम सप्ताह में शौचालय में गंदगी व दीवारों पर खून के धब्बे देखकर छात्राओं के कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी। तत्कालीन वार्डन डा. सुरेखा तोमर पर इसका आरोप लगा था। मामले के तूल पकडऩे पर महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने तत्कालीन डीएम से घटना की जानकारी ली थी। सुरेखा तोमर को बर्खास्त कर शिक्षिका नीता चौधरी को वार्डन बना दिया गया था। शासन के निर्देश पर डीएम दिनेश कुमार ने एसडीएम सदर रेनू सिंह को जांच सौंपी थी।

बीएसए चंद्रकेश यादव के अनुसार जांच में 6 शिक्षिकाएं, एकाउंटेंट, चौकीदार व मुख्य रसोइया भी दोषी पाए गए। इनकी संविदा 12 जुलाई को समाप्त हो रही थी। डीएम गौरी शंकर प्रियदर्शी ने सभी को हटाने के आदेश दिए तो दूसरे स्कूलों से स्टाफ की तैनाती कर दी गई। कल एबीएसए दिनेश कुमार विद्यालय पहुंचे तो हटाए गए स्टाफ ने हंगामा किया। यहां पर शिक्षिकाओं को हटाने पर छात्राएं भी भड़क गई। नई शिक्षिकाओं पर मारपीट का आरोप लगाया। बीस छात्राएं पहले ही अवकाश पर घर जा चुकी थीं। कल बाकी 71 छात्राएं भी घर चली गयीं।

इसकी सूचना पर एसडीएम कन्हेई सिंह व बीएसए चन्द्रकेश यादव पहुंचे। शिक्षिकाओं ने इनके सामने भी हंगामा करते हुए कहा कि जब तीन माह पूर्व जांच रिपोर्ट आ गई थी तो उसी समय क्यों नहीं हटाया गया। अजीब इत्तेफाक है चार माह पहले छात्राओं ने वार्डन को हटाने की मांग को लेकर स्कूल छोड़ा था, अब हटाई गई शिक्षिकाओं के समर्थन में स्कूल छोड़ दिया।

मुजफ्फरनगर के खतौली तहसील के तिगई गांव के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में गत 25 मार्च को वार्डन सुलेखा ने माहवारी की जांच करने के लिए स्कूल की छात्राओं के कपड़े उतरवाए थे। इस घटना के बाद छात्राओं के परिवार के लोगों ने स्कूल में आकर हंगामा किया था। तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह ने विद्यालय की वार्डन को बर्खास्त कर दिया था और पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया था।

जांच में पूरे स्टाफ को दोषी पाया गया है। टीचर, अकाउंटेंट, चौकीदार और रसोइया समेत 9 लोगों के स्कूल स्टाफ की संविदा खत्म कर दी गई है। गौरतलब है कि स्कूल के वार्डन ने स्कूल में पढऩे वाली 70 लड़कियों को अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था। वार्डन ने ऐसा लड़कियों को होने वाले मासिक धर्म को देखने के लिए किया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button