उत्तराखंड

देहरादून में स्वाइन फ्लू से एक और महिला की मौत

देहरादून : स्वाइन फ्लू को हल्के में ले रहे स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव एक के बाद एक मौत से फूलने लगे हैं। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में भर्ती एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। पिछले एक सप्ताह में स्वाइन फ्लू से यह तीसरी मौत है। जबकि मार्च से अब तक चार लोग इस बीमारी के कारण जान गंवा चुके हैं।

डेंगू से निपटने की तैयारी में जुटे स्वास्थ्य महकमे को स्वाइन फ्लू ने नई चुनौती दी है। मौसम में नमी बढऩे के साथ ही स्वाइन फ्लू ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव इसलिए भी फूल रहे हैं कि इस बार स्वाइन फ्लू की आमद तय समय से पहले ही हो गई।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तारा चंद पंत ने बताया कि स्वाइन फ्लू से पीडि़त पौड़ी निवासी 43 वर्षीय महिला का हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में उपचार चल रहा था। उसे लगभग दो सप्ताह पहले वहां भर्ती कराया गया। बीती दस जुलाई को महिला की मौत हो गई।

उसकी जांच रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच माह में स्वाइन फ्लू से यह चौथी मौत है। इस साल अब तक 21 मरीजों के सैंपल लिए गए हैं। जिनमें से 17 केस पॉजिटिव पाए गए।

उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू को लेकर सभी अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि किसी भी मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलने पर तुरंत इसकी सूचना सीएमओ कार्यालय को भेजी जाए। इसके अलावा उपचार के लिए समुचित इंतजाम करने को भी कहा गया है।

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में सांस भी फूलने लगती है। अगर संक्रमण गंभीर है तो बुखार तेज होता जाता है।

स्वाइन फ्लू के कारण

इंफ्लूएंजा-ए वायरस के एक प्रकार एच1एन1 से स्वाइन फ्लू उत्पन्न होता है। यह वायरस साधारण फ्लू के वायरस की तरह ही फैलता है। स्वाइन फ्लू का वायरस बेहद संक्रामक है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है। जब कोई खांसता या छींकता है तो छोटी बूंदों में से निकले वायरस कठोर सतह पर आ जाते हैं। यह वायरस 24 घंटे तक जीवित रह सकता है।

ये सावधानियां बरतें 

-गंभीर बीमारियों से ग्रसित, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले, सर्दी-जुकाम से पीडि़त, बच्चे और बुजुर्गों को विशेष तौर से सावधानी बरतने की जरूरत है।

-इस बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। खांसते और छीकते समय टीशू से कवर रखें। इसके बाद टीशू को नष्ट कर दें।

-बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

-जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हों उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में ही रहना चाहिए।

-स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से संपर्क व हाथ मिलाने से बचें। नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहें।

-जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और तीन-चार दिन से तेज बुखार हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

-स्वाइन फ्लू के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है। जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है। ऐसी कोई भी जांच डॉक्टर की सलाह के बाद कराएं।

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