उत्तराखंड

नॉन गैलेंट्री अवार्ड पर सवालों में घिरी उत्तराखंड सरकार

देहरादून,  नॉन गैलेंट्री अवार्ड (गैर वीरता पुरस्कार) पदक विजेता सैन्य अफसरों को गैलेंट्री अवार्ड (वीरता पुरस्कार) श्रेणी के बराबर एकमुश्त धनराशि देने के मामले में राज्य सरकार को बैकफुट पर आना पड़ सकता है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह फैसला लिया था।

इस व्यवस्था के तहत सैनिक कल्याण निदेशालय द्वारा सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल व युद्ध सेवा मेडल विजेताओं को एकमुश्त क्रमश: सात लाख रुपये, पांच लाख रुपये व चार लाख रुपये दिए जा रहे हैं। साथ ही, प्रतिवर्ष 60 हजार, 50 हजार व 40 हजार रुपये की राशि भी दी जाती है, जो गैलेंट्री अवार्ड विजेताओं को मिलने वाली धनराशि के समान है।

रक्षा मंत्रालय के वर्गीकरण में यह तीनों सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल और युद्ध सेवा मेडल गैलेंट्री अवार्ड़ की श्रेणी में नहीं आते हैं। कांग्रेस सरकार ने इन सभी नॉन गैलेंट्री अवार्ड विजेताओं को गैलेंट्री अवार्ड की तर्ज पर धनराशि देने के आदेश दिए थे।

राज्य सूचना आयोग ने सवाल उठाते हुए प्रमुख सचिव (गृह) को रक्षा मंत्रालय के वर्गीकरण के अनुसार ही धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मामले में निर्देश पीबीआरओ पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट ने राज्य सूचना आयोग में अपील की थी। सुनवाई के बाद सूचना आयुक्त राजेंद्र कोटियाल ने प्रमुख सचिव गृह को पदक वर्गीकरण के संबंध में रक्षा मंत्रालय से प्राप्त सूची उपलब्ध कराते हुए इसी आधार पर वीरता व गैर वीरता पदक का वर्गीकरण करने को कहा।

एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि प्रदेश में रिटायर्ड सैन्य अफसरों को लाभ देने के मकसद से ही एक समान धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में सैनिक कल्याण निदेशालय से सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जानकारी भी मांगी थी।

अपील के जवाब में निदेशालय ने सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल व युद्ध सेवा मेडल को गैलेंट्री अवार्ड की परिधि में बताया है, जबकि रक्षा मंत्रालय से इसी संबंध में ली गई जानकारी में तीनों मेडल नॉन गैलेंट्री अवार्ड की श्रेणी में बताए गए।

ये हैं गैलेंट्री अवार्ड की श्रेणी 

रक्षा मंत्रालय ने परमवीर चक्र, महावीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र व सेना मेडल को गैलेंट्री अवार्ड की श्रेणी में रखा है। यह अवार्ड युद्ध या शांतिकाल के दौरान बहादुरी का परिचय देने वाले सैन्य अफसरों व जवानों को दिया जाता है। नॉन गैलेंट्री अवार्ड की श्रेणी में शामिल सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल व युद्ध सेवा मेडल अधिकारी रैंक के सैनिकों को ही मिलते हैं।

 

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