देश-विदेश

राष्ट्रपति ने हवाना विश्वविद्यालय में ‘भारत और वैश्विक दक्षिण‘ पर व्याख्यान दिया

नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने क्यूबा में हवानाविश्वविद्यालय में ‘भारत और वैश्विक दक्षिण‘ विषय पर एक व्याख्यान दिया।

महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने बोलने के लिए जो विषय ‘भारत और वैश्विक दक्षिण‘ चुना है, वह क्यूबा की एवं भारतीय विदेश नीति, दोनों का ही केंद्रीय हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण की एकजुटता क्यूबा के महान नेता और राजनीतिज्ञ फिदेल कास्त्रो के अंतरराष्ट्रीय विजन एवं क्यूबा की क्रांति के हªदय में स्थित है।

महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि हमें वैश्विक अभिशासन संरचनाओं में विकासशील देशों को अधिक स्थान देने के लिए एक साथ मिल कर काम करने पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में हमें सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि भूमंडलीकरण ने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है लेकिन विकासशील देशों में लोगों की बहुत सी आवश्यकताओं की पूर्ति अभी भी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विकास एजेंडा को गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित होना चाहिए जिसे वैश्विक विकास परिचर्चा के हªदय में होना चाहिए।

महामहिम राष्ट्रपति का रिव्युलुशन पैलेस में पारंपरिक स्वागत किया गया जहां उन्होंने शिष्टमंडल स्तर वार्ता का नेतृत्व किया। क्यूबा के शिष्टमंडल स्तर वार्ता का नेतृत्व क्यूबा के राष्ट्रपति डियाज कैनेल ने किया।

दोनों देशों ने जैवप्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, पारंपरिक औषधि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। जैवप्रौद्योगिकी एवं पारंपरिक औषधि तथा होम्योपेथी के क्षेत्रों में दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने क्यूबा के राष्ट्रपति डियाज कैनेल को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में संस्थापक सदस्य बनने के लिए धन्यवाद दिया। भारत ने क्यूबा में एक 100 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना में सहायता करने के लिए 75 मिलियन डॉलर के ऋण की भी पेशकश की।

दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता जारी रखने की बात की। क्यूबा ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी को समर्थन दुहराया।

आतंकवाद के मुद्वे पर, दोनों पक्षों ने आतंकवाद एवं इससे मानवता को पैदा होने वाले बड़े खतरे पर गहरी चिंता जताई। दोनों पक्षों ने आतंकवाद से लड़ने में एक मजबूत वैश्विक प्रत्युत्तर विकसित करने के लिए घनिष्ठतापूर्वक काम करने पर सहमति जताई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button