उत्तराखंड

सामुदायिकता की सहायता से विकास करने की आवश्यकता: सतपाल

देहरादून। प्रदेश के सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु-सिंचाई, वर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएं, पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने विधान सभा सभागार में पलायन रोकने के लिए आयोजित कार्यशाला में कहा कि कृषि, उद्यान, तीर्थ में आयवृद्धि के लिए सफलता की कहानी को सामने लाया जाये। उन्होंने कहा हमें अपनी कार्य संस्कृति भी बदलनी होगी। उन्होंने कहा सामुदायिकता की सहायता से विकास करने की आवश्यकता है। कृषकों की आय दोगुना वृद्धि करने के लिए कृषकों को मार्केटिंग सुविधा दी जायेगी। आर्गेनिक उत्पाद अधिनियम लाया जायेगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के आर्गेनिंग स्टेट बनने से कृषकों की आय दोगुनी करने में मद्द मिलेगी। उक्त विषय पर आयोजित कार्यशाला में बताया गया पलायन रोकने के लिए त्यूणी, चकराता क्षेत्र के हटाल एवं सैंज गांव में गोभी और टमाटर क्लटर के रूप में पैदावार की वृद्धि हुई। इसके प्रभाव से कृषकों की आय में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई। इस कारण 40 व्यक्ति जो पलायन कर चुके थे, वे व्यक्ति पुन: वापस अपने गांव पहुचे। राज्य में पलायन रोकने के लिए जलागम विभाग द्वारा अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक में सोलर पम्पिंग योजना का उदाहरण रखा गया। इस इनोवेशन से 27 कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यशाला में चर्चा के दौरान कहा गया आलवेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से पर्यटकों से होने वाली आय में वृद्धि होगी। लगभग 10 लाख पर्यटकों से होने वाले आय में वृद्धि हो जायेगी। परिणामस्वरूप प्रदेश का आर्थिक तंत्र मजबूत होगा। इसके प्रभाव से पलायन रोकने में मद्द मिलेगी। कार्यशाला मं सुझाव दिया गया चार धाम यात्रा योजना में मन्दिर के प्रसाद में वैल्यू एड किया जाय और इसे स्थानीय आर्थिकी से जोड़ा जाय। बद्रीनाथ के समीप बद्रीतुलसी और बद्रीगाय के दूध की महत्ता को सामने लाया जाय। कार्यशाला में विदेशी अनुभवों को भी शामिल करने का सुझाव रखा गया। पेरू-बोल्विया में पैदा होने वाले हाईप्रोटीन केरूआ उत्पाद का प्रयोग पैदावार के रूप में भूटान ने किया है। यदि उत्तराखण्ड इसका प्रयोग करे तो इसके सहायता से राज्य में प्रोटीन क्रांति लाई जा सकती है। स्प्रिंग वाटर हारवेस्टिंग जैसे इनोवेटिव तरिके से कृषकों की आये दोगुनी होगी और इसकी मद्द से पलायन रूकेगा। कार्यशाला में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, उत्तराँचल उत्थान परिषद स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों ने भी अपने संस्था द्वारा पलायन रोकने के लिए किये जाने वाले इनोवेटिव कार्यक्रम की जानकारी दी। बैठक में प्रेम बड़ाकोटी, अध्यक्ष उत्तराँचल उत्थान परिषद, सचिव दिगम्बर सिंह नेगी, परियोजना निदेशक जलागम नीना अग्रवाल, निदेशक उद्यान बी0एस0नेगी, उप निदेशक राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड जे0बी0सिंह, सहायक निदेशक कृषि लतिका सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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