उत्तराखंड

उत्तराखण्ड की आत्मा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे प्रवासी बन्धु : सीएम

देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व के विभिन्न देशों में अपनी दक्षता व योग्यता से उत्तराखण्ड को पहचान दिलाने वाले प्रवासी उत्तराखण्डवासियों से उत्तराखण्ड के समग्र विकास में भागीदारी निभाने का आह्वान किया है। प्रवासी उत्तराखण्डवासियों को सम्बोधित पत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि विश्व में उत्तराखण्ड को पहचान दिलाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। युवा उत्तराखण्ड की नई चुनौतियों का सामना करने के लिये भी उन्होंने प्रवासी उत्तराखण्डवासियों का आह्वान करते हुए उन्हें अपनी मातृभूमि उत्तराखण्ड की सेवा के लिये आमन्त्रित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी बन्धु विदेशों में उत्तराखण्ड की आत्मा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उन्हें इस बात की भी खुशी है कि विदेशों में अपनी कडी मेहनत, दृढता और ईमानदारी के बल पर महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर आप सभी ने भारत और उत्तराखण्ड को जो प्रसिद्धी और गौरव दिलाया है, वह हमारे लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डवासियों द्वारा विदेशों में अपने कार्य क्षेत्र की व्यस्तता एवं अपने मूल निवास स्थान और संस्कृति एवं परम्पराओं के लिये माहौल अनुकूल न होने के बावजूद भी आप अपनी संस्कृति एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को याद ही नहीं रखा बल्कि उसे आपने अपने जीवन का हिस्सा बनाकर जीवन्तता प्रदान की है, साथ ही देवभूमि की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व परम्पराओं को अपने अन्दर समाहित भी किया है।
प्रवासी उत्तराखण्डवासियों को उत्तराखण्ड का वास्तविक ब्राण्ड एम्बेसडर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रवासी उत्तराखण्डवासियों के मूल्यवान विचार व सुझाव उत्तराखण्ड के विकास के नये अध्याय शुरू करने में हमारी सहायता करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में अवसर एवं चुनौतियों को साझा कर हम एक नए उत्तराखण्ड की नींव रख सकते हैं। इस तरह की एक विशेष पहल रचनात्मक बदलाव लायेगी और उत्तराखण्ड की प्रगति के लिये नये आधार प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने अपनी स्थापना के 17 साल पूर्ण कर लिये है। उत्तराखण्ड धरातलीय व सतत् विकास की दिशा में मजबूत कदम उठा रहा है, किन्तु राज्य के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में विपरीत भौगोलिक परस्थितियों के कारण, बुनियादी सुविधाओं के विकास में कई चुनौतियों का सामान करना पड रहा है। इसी प्रकार पर्वतीय जिलों में औद्योगीकरण भी हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। हम निरन्तर सजगता के साथ उत्तराखण्ड की इन जटिल समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्य कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रगति और विकास की नई ऊंचाईयों की ओर ले जाने के लिये हम प्रतिबद्ध है। गत वर्ष नवम्बर 2017 में हमने ”रैबार” कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक मंच पर आमंत्रित कर राज्य की दशा व दिशा पर गहन चिन्तन किया था। इस कार्यक्रम में राज्य को नई दिशा देने के लिये विषय विशेषज्ञों के बहुमूल्य सुझाव भी प्राप्त हुये हैं। इससे हमें उत्तराखण्ड को विकसित राज्य बनाने की दिशा में सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ने में मदद मिल रही है। उन्होंने विदेशों में रहने वाले उत्तराखण्ड के सभी मूल निवासियों से उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिये एक साथ मिलकर कार्य करने की अपील की है। उत्तराखण्ड की प्रगति के लिये पर्यटन, कृषि, बागवानी, खाद्य प्रस्संकरण एवं अन्य विभिन्न क्षेत्रों में वे अपनी भूमिका किस प्रकार निभा सकते है, इसके लिये भी उनके मूल्यवान विचार और सुझाव, उत्तराखण्ड के नये भविष्य तय करने में मदद कर सकते है।

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