उत्तराखंड

हर राज्य की परिस्थिति के अनुरूप योजनाओं का निर्माण करना जरूरी

देहरादून :  मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हर राज्य की परिस्थिति के अनुरूप योजनाओं का निर्माण किया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सरकार पर्यटन तथा आर्गेनिक कृषि व हार्टीकल्चर आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देने की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऊंचाई पर बसे ग्रामों के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में रोपवे का प्रावधान भी जोड़ा जाए। ताकि सड़क निर्माण में पहाड़ों की क्षति न हो और इस योजना को प्रधानमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तौर पर जाना जाए। उन्‍होंने यह बात आज मुख्यमंत्री आवास में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से मुलाकात के दौरान कही।

उपाध्यक्ष नीति आयोग राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग और राज्य सरकार के बीच सीधा संबंध जरूरी है। वे राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को जानने के लिए आए हैं। यदि केंद्र सरकार के स्तर से राज्य सरकार की किसी परियोजना में कोई सहायता करनी हो तो इसके लिए भी नीति आयोग कदम उठाएगा। राज्य सरकार की ओर से सचिव नियोजन अमित नेगी ने राज्य के प्रमुख मुद्दों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण दिया। राज्य सरकार ने नीति आयोग के समक्ष विभिन्न क्षेत्रों के लिए परामर्शीय विशेषज्ञ सेवाओं की मांग भी की। इसमें विभागों के एकीकरण, राज्य योजनाओं के युक्तिसंगतीकरण, सालिड-वेस्ट मैनेजमेंट, नए पर्यटक स्थल, होम स्टे, पर्वतीय औद्योगिक नीति तथा रोपवे स्थापना के विषय प्रमुख हैं।

बैठक में वन भूमि हस्तांतरण के कारण परियोजनाओं में होने वाले विलंब पर भी चर्चा हुई। वन सचिव अरविंद सिंह हयांकी ने कहा कि केंद्रीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण में शिथिलता प्रदान की जाती है। इसी तर्ज पर राज्य की परियोजनाओं के लिए भी छूट प्रदान की जानी चाहिए। सामान्य अवस्था में एक हेक्टेयर तक तथा आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में 05 हेक्टेयर तक वन भूमि हस्तान्तरण का राज्य को अधिकार प्राप्त था, जो नवम्बर 2016 में समाप्त हो गया। इसकी समय सीमा बढ़ाया जाना औचित्य पूर्ण होगा।

नीति आयोग से पर्यावरणीय सेवाओं के सापेक्ष ग्रीन बोनस प्रदान करने की मांग भी की गई। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि पर्यावरणीय कारणों से राज्य की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता का 20 प्रतिशत उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। इससे लगभग 40 हजार करोड़ का निवेश प्रभावित हो रहा है। इसके अतिरिक्त अधिकारियों द्वारा ईको सेंस्टिव जोन, आपदा प्रभावित 398 ग्रामों के विस्थापना, राज्य की गौचर, नैनी सैनी व चिन्यालीसौंड हवाई पट्टियों को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत जाड़ेने की बात भी उठाई गई।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष द्वारा प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के बारे में रूचि व्यक्त की गई। सचिव शहरी विकास द्वारा अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे 31 अक्टूबर को समाप्त हुआ है तथा लगभग एक लाख पांच हजार परिवार चिह्नित कर लिए गए हैं। इस योजना में बैंकों की सक्रियता बढ़ाने के लिये उनके लिये लक्ष्य भी निर्धारित किया जा रहा है।

इस दौरान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, आनंद बर्द्धन सहित सभी सचिव उपस्थित थे।

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