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त्वचा से लेकर पाचनतंत्र तक दुरुस्त रखता है पपीता, जानें इसके 7 फायदे

अब पपीता का मौसम आ चुका है। बाजार में ताजा पपीता आ गया है। ऐसे में लोग पपीता का लुत्फ जरूर लेना चाहेंगे। लेकिन पपीता हमारी सेहत के लिए कितना जरूरी है यह आप इस खबर को पढ़ने के बाद जान पाएंगे।

जानें वैज्ञानिक आधार पर सत्यापित हो चुके पपीता के 7 फायदे-

1- पोषक तत्वों से भरपूर- 
पपीता को लेकर कई शोधों में साबित किया जा चुका है कि यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी9 और पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। इसके अलावा इसमें कुछ मात्रा में मैग्नीशियम और अन्य विटामिन्स भी पाए जाते हैं।

2- जबरदस्त एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत
हमारे के मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत जरूरी माना जाता है। पपीता में कैरोटिनॉयड नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। शोध में यह भी कहा गया है कि 6 माह तक पपीता खाने से अल्जाइमर की बीमारी में 40 फीसदी तक फायदा होता है।

वैज्ञानिक रिसर्च में कहा गया है पपीता का सेवन इंसान को कैंसर की घातक बीमारी से बचाता है। जिन लोगों का कैंसर का इलाज चल रहा है उनके लिए भी पपीता काफी फायदेमंद है। एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जिन 14 फलों और सब्जियों पहचान की गई उसमें पपीता एक अकेला फल है जिसमें कैंसररोधी तत्व मौजूद होते हैं।

4-  पपीता हृदयरोग से बचाता है
पपीता में मौजूद लाइकोपीन नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है जो इंसान को हृदय रोग से बचाता है। शोध में कहा गया है कि 14 सप्ताह तक पपीता का सेवन करने वाले रोगी को हृदय रोग में लाभ होता है।

5- जलन को खत्म करे-
जलन कई बीमारियों की जड़ होती है। पपीता में पाए जाने वाले विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में जलन पैदा करने वाले कारकों को कम करता है।

शोध में कहा गया है कि पपीता के सेवन से पाचनतंत्र बेहतर होता है। जिन लोगों को पेट में होने वाली बीमारी आईबीएस होती है उसके लिए भी पपीता काफी फायदेमंद होता है। 40 दिन तक पपीता खाने का नियम पालन करने वाले व्यक्ति को कब्ज से भी मुक्ति मिलती है।

7- त्वचा के नुकसान से रक्षा करे
शरीर को सेहतमंद रखने के साथ ही पपीता आपकी स्किन की भी रक्षा करता है। पपीता से त्वचा चमकदार होती है और ज्यादा टोन्ड दिखती है। उम्र बढ़ने के साथ त्वचा पर होने वाले बदलाव जैसे झुर्रियां पड़ना आदि की रक्षा करता है।

  • संपादक कविन्द्र पयाल

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