जीवनशैली

खराब गट हेल्थ की इन संकेतों से करें पहचान, सुधार करने के लिए अपना लें ये उपाय

हमारा डाइजेशन न सिर्फ खाना पचाने का काम करता है, बल्कि यह हमारी पूरी सेहत को प्रभावित करता है। इसलिए पाचन से जुड़ी परेशानी होने पर शरीर में और भी दिक्कतें होने लगती हैं। हालांकि, अगर बिगड़ती गट हेल्थ का जल्दी पता लगा लें तो परेशानी को ज्यादा बढ़ने से पहले रोका जा सकता है।

जब हमारी गट हेल्थ खराब होती है, तो इसके कई संकेत शरीर में दिखाई देते हैं। इन संकेतों को पहचानकर हम समय रहते इस समस्या को ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं खराब गट हेल्थ के कुछ अहम संकेत और उन्हें सुधारने के उपाय।

पाचन संबंधी समस्याएं
खराब गट हेल्थ का सबसे साफ संकेत पाचन से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, जैसे-

कब्ज या दस्त- आंत के बैक्टीरिया असंतुलित होने के कारण मल त्याग में अनियमितता हो सकती है।

गैस और ब्लोटिंग- आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने से पेट फूलना और गैस बनती है।

एसिडिटी और सीने में जलन- पाचन रसों का असंतुलन एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकता है।

वजन में अचानक बदलाव
बिना डाइट या एक्सरसाइज में बदलाव किए वजन का बढ़ना या घटना गट हेल्थ के खराब होने का संकेत हो सकता है। आंत के बैक्टीरिया खाने से पोषक तत्वों के अब्जॉर्प्शन और फैट स्टोरेज को प्रभावित करते हैं।

थकान और नींद की समस्या
आंत और दिमाग के बीच गहरा संबंध होता है। खराब गट हेल्थ सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण इनसोम्निया, लगातार थकान और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

त्वचा संबंधी समस्याएं
आंतों में सूजन या बैक्टीरिया का इंबैलेंस त्वचा पर दिखाई दे सकता है, जैसे- एक्ने, एक्जिमा, सोरायसिस और रैशेज।

फूड इंटोलरेंस
अचानक कुछ फूड्स, जैसे- ग्लूटेन या डेयरी को पचाने में दिक्कत होना भी खराब गट हेल्थ का संकेत हो सकता है। यह आंतों में गुड बैक्टीरिया की कमी के कारण होता है।

बार-बार इन्फेक्शन होना
हमारी इम्युनिटी का 70% हिस्सा आंतों पर निर्भर करता है। यदि आपको बार-बार सर्दी-जुकाम, यूरिन इन्फेक्शन या अन्य संक्रमण होते हैं, तो यह गट हेल्थ के कमजोर होने का संकेत हो सकता है।

मुंह से दुर्गंध
हालांकि, मुंह की सफाई इसका एक कारण हो सकती है, लेकिन पेट में हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ने से भी सांसों से बदबू आने की समस्या हो सकती है।

गट हेल्थ को कैसे सुधारें?
प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स लें- दही, किमची, केफिर और फाइबर से भरपूर फूड्स, जैसे- केला, लहसुन आदि आंत के लिए फायदेमंद होते हैं।

प्रोसेस्ड फूड और शुगर कम करें- ये हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।

भरपूर मात्रा में पानी पिएं- यह पाचन तंत्र को बेहतर काम करने में मदद करता है।

तनाव कम करें- योग, मेडिटेशन और पूरी नींद लें।

एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल न करें- ये आंत के गुड बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं।

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