देश-विदेश

ग्लोबल साउथ में भारत की धमक बढ़ाएगा पीएम मोदी का दौरा, रक्षा-कृषि समेत ऊर्जा पर होगी व्यापक बातचीत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 9 दिवसीय विदेश दौरा बुधवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान वह अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों की यात्रा करेंगे। इसके अलावा वह ब्राजील की मेजबानी में हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे। सम्मेलन में वह ग्लोबल साउथ से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे। आइये जानते हैं उनकी यह यात्रा कैसे ग्लोबल साउथ में भारत की धमक बढ़ाएगी।

घाना (2-3 जुलाई)
यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घाना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी और वह पिछले तीन दशक में यहां आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। घाना के राष्ट्रपति जान महामा 2015 में इंडिया- अफ्रीका फोरम समिट के लिए भारत आए थे। वह जनवरी 2025 में तीसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं।

घाना भारत को बड़े पैमाने पर वस्तुओं का निर्यात करता है
घाना पश्चिम अफ्रीका की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। दोनों देश व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। घाना भारत को बड़े पैमाने पर वस्तुओं का निर्यात करता है। घाना से भारत के आयात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी गोल्ड की है।

घाना से भारत के आयात में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी गोल्ड की
प्रधानमंत्री मोदी महामा के साथ द्विपक्षीय भागीदारी की समीक्षा करने के साथ ही आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा और विकास सहयोग के जरिये इसे और मजबूत बनाने के तौर- तरीकों पर बात करेंगे।

त्रिनिदाद एवं टोबैगो (3-4 जुलाई)
कैरिबियाई द्वीप में रहने वाले कुल प्रवासी भारतीयों में से 40-45 प्रतिशत त्रिनिदाद एवं टोबैगो में रहते हैं। प्रधानमंत्री कमला परसाद बिसेसर और राष्ट्रपति क्रिस्टिनी कार्ला कंगालू दोनों भारतीय मूल के हैं।

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगों की पहली यात्रा होगी। 1999 के बाद भारतीय पीएम की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा भी होगी। पीएम मोदी ने नवंबर 2024 में गुयाना की यात्रा की थी।

आठ माह में कैरेबियाई द्वीप की दूसरी यात्रा से संकेत मिलता है कि भारत क्षेत्र को कितनी अहमियत दे रहा है। करीब 180 वर्ष पहले भारतीय प्रवासी यहां त्रिनिदार एवं टोबैगो आए थे। दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं और वित्त वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 34.16 करोड़ डॉलर पहुंच गया।

अर्जेटीना (4-5 जुलाई)
पीएम मोदी की अर्जेटीना यात्रा 57 वर्ष में भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। वह अर्जेटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेयी से मुलाकात के दौरान रक्षा, कृषि, खनन, तेल गैस और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर बात करेंगे।

इससे पहले नवंबर, 2024 में ब्राजील में आयोजित जी20 समिट के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। भारत और अर्जेटीना ने खनिज संसाधनों खास कर लीथियम के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया है। पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों की खपत कम करने और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने में लीथियम की भूमिका बेहद अहम है।

अर्जेटीना भारत के लिए सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। 2024 में भारत अर्जेटीना का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी और निर्यात गंतव्य था।

ब्राजील (5-8 जुलाई)
पीएम मोदी रियो डे जेनेरियो में ब्रिक्स समिट के दौरान ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा से मुलाकात करेंगे।

समिट के बाद राष्ट्रपति सिल्वा पीएम मोदी के लिए स्पेशल डिनर की मेजबानी करेंगे। ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी वैश्विक प्रशासन के सुधारों, शांति एवं सुरक्षा, बहुपक्षीय संस्थाओं को मजबूत करने, जिम्मेदारी के साथ एआइ के इस्तेमाल, जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने के लिए जरूरी कदमों और वैश्विक स्वास्थ्य पर बात करेंगे।

माना जा रहा है कि समिट से इतर वह कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। ब्राजील की आधिकारिक यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति लूला के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, तकनीक, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के कदमों पर विचार विमर्श करेंगे। ब्राजील दक्षिण अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है।

नामीबिया (9 जुलाई)
अपनी पहली नामीबिया यात्रा के दौरान पीएम मोदी देश की संसद को संबोधित करेंगे। नामीबिया जाने वाले वह तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2000 में मात्र 30 लाख डॉलर था जो अब करीब 60 करोड़ डॉलर पहुंच गया है। भारतीय कंपनियों ने नामीबिया के खनन, मैन्यूफैक्चरिंग, डायमंड प्रोसे¨सग और सेवाओं के क्षेत्र में निवेश किया है

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