वाराणसी: पूर्वांचल में 58.90 लाख उपभोक्ताओं पर 26576 करोड़ का बिजली बिल बाकी

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के तहत आने आने वाले वाराणसी सहित 21 जिलों में 58,90,897 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन पर बिजली बिल का 26576 करोड़ रुपये बाकी है। इसमें भी 2565608 उपभोक्ताओं ने तो कनेक्शन लेने के बाद कभी बिजली का बिल ही नहीं दिया है।
इन पर 8887 करोड़ मूल बिल और 9569 करोड़ ब्याज मद में बचा है। ऐसे लोगों को राहत योजना का लाभ मिलेगा। बिजली निगम के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि नियमानुसार उपभोक्ता बिजली बिल राहत योजना (ओटीएस योजना) में शत प्रतिशत ब्याज माफी के साथ ही मूल बकाए में भी अतिरिक्त छूट का लाभ उठा सकते हैं।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि 3148451 उपभोक्ता तो ऐस हैं, जो कभी बिल देते हैं, कभी नहीं देते हैं। ऐसे लोगों पर 5584 करोड़ रुपये मूल और 3278 करोड़ ब्याज के मद में बाकी है। एलएमवी-1(घरेलू) उपभोक्ता के लिए अधिकतम 2 किलोवाट भार तक और एलएलवी-2 (वाणिज्यिक) 1 किलोवाट भार के नेवर पेड (कभी बिल नहीं देने वाले) एवं लॉग अनपेड (बीच-बीच में बिल न जमा करने वाले) के साथ ही बिजली चोरी वालों को भी राजस्व निर्धारण में छूट इस योजना के तहत मिलेगी।
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
तीन चरण की योजना का पहला चरण 1 दिसंबर से 31 दिसंबर, दूसरा 1 जनवरी से 31 जनवरी और तीसरा चरण 1 फरवरी से 28 फरवरी तक चलेगा। बिजली चोरी में पकड़े गए 1,16,831 उपभोक्ताओं पर भी 1364 करोड़ रुपये बिजली बिल का बाकी है।
पंजीकरण के बाद एक मुश्त भुगतान करने का विकल्प चुनने वाले उपभोक्ताओं को दिनांक 31 मार्च 2025 अथवा इससे पूर्व में लगाए गए अधिभार में 100 प्रतिशत की छूट के साथ-साथ प्रथम चरण में 30 दिवसों में पूर्ण भुगतान करने पर मूल बकाये में 25 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जायेगी।
पहले 2000 देकर कराना होगा पंजीकरण, बाद में समायोजित होगा धन
प्रेसकांफ्रेंस में प्रबंध निदेशक ने बताया कि विद्युत बिल राहत योजना का लाभ लेने के लिए संबधित उपभोक्ता को 2000 रुपये देकर पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिए यूपीपीसीएल कंज्यूमर एप, निगम कार्यालय, जनसेवा केन्द्र, विद्युत सखी आदि का सहयोग लिया जा सकता है। पंजीकरण के मद में लिए जाने वाले 2000 रुपये को आने वाले दिनों में बिजली के बिल में समायोजित किया जाएगा।
बिजली निगम में आते हैं ये जिले : वाराणसी, सोनभद्र, आजमगढ़, बलिया, चंदौली, गाजीपुर, बस्ती, देवरिया, फतेहपुर, गोरखपुर, जौनपुर, कौशांबी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, संतकबीरनगर, संतरविदासनगर, सिद्धार्थनगर।



