उत्तर प्रदेश

मेरठ: हाउस टैक्स को लेकर हुआ बदलाव

गृह स्वामियों की सुविधा के लिए नगर निगम हर वार्ड में घर-घर स्वकर निर्धारण प्रपत्र का वितरण करेगा। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हर वार्ड में समय पर सबसे अधिक गृहकर जमा करने वाले पांच गृह स्वामियों को नगर निगम ने सम्मानित करने की योजना भी बनाई है। उनकी सूची भी उस वार्ड में लगाई जाएगी। निगम की बोर्ड बैठक में भी नए गृहकर का प्रस्ताव पास कराया जाएगा।

सूरजकुंड स्थित कैंप कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महापौर हरिकांत अहलूवालिया और नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने कहा है कि नगर के विकास के लिए नागरिकों को गृहकर समय पर देना चाहिए। नागरिकों की सुविधा के लिए स्वकर प्रणाली सिस्टम लागू किया गया है।

नगर निगम कार्यालय में प्रत्येक शुक्रवार को गृहकर के बिलों को ठीक करने के लिए समाधान दिवस का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक वार्ड में चौपाल का भी आयोजन हो रहा है। बिलों को ठीक करने और नागरिकों की शिकायत सुनने के लिए अलग से एक सेल का गठन किया गया है। इसके अलावा अब पार्षदों के माध्यम से प्रत्येक वार्ड में स्वकर फॉर्म को घर-घर बांटा जाएगा। उसके साथ नमूने के लिए एक भरा हुआ फार्म भी लगाया जाएगा, ताकि गृह स्वामी आसानी से अपना फार्म भरकर कार्यालय में जमा कर सके। बोर्ड बैठक में भी इसका प्रस्ताव पास कराया जाएगा।

नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने पत्रकारों को बताया कि नगर निगम वर्ष 2003-04 के सर्वे के अनुसार ही गृहकर का निर्धारण कर रहा है। निगम ने अभी तक अलग से कोई भी गृह कर नहीं बढ़ाया है। यदि मकान का कोई स्वरूप नहीं बदला है तो कर का निर्धारण पुराना ही रहेगा और यदि मकान के स्वरूप में दलाव किया गया है तो उस पर उसी के अनुसार टैक्स लिया जाएगा।

जीआईएस सर्वे के बाद जो बिल बन रहे हैं उनके अधिक आने की शिकायत मिल रही है। ऐसे बिलों को ठीक कराया जा रहा है। सेटेलाइट प्रणाली से सर्वे के उपरांत बिल स्वयं कंप्यूटर तैयार कर रहा है, इसीलिए स्वकर फॉर्म जमा कराए जा रहे हैं, ताकि बनाए गए मकान या मकान में बदलाव पर सही कर का निर्धारण हो सके। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख मकान हैं। इनमें से केवल 1.14 लाख ही गृह स्वामी गृहकर दे रहे हैं, बाकी लोग हाउस टैक्स नहीं दे रहे हैं।

किरकिरी हुई, होल्ड हुआ और अब नया गृहकर
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जीआईएस सर्वे को लेकर निगम की खूब किरकिरी हुई। दस महीने पहले निगम की बोर्ड बैठक में महापौर को नया गृहकर होल्ड करना पड़ा। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने शुक्रवार को नए गृहकर पर आई आपत्तियों को सुनकर समाधान भी किया। नए गृहकर के बिल वितरित करने के साथ-साथ कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया, ताकि आपत्ति करने वालों को सुना जाए। अब महापौर और नगर आयुक्त ने कहा कि स्वकर प्रपत्र डोर-टू-डोर वितरित करने का काम निगम करेगा। शिकायत सुनेगा और फिर नया गृहकर लेगा।

कांवड़ यात्रा में दुकानों पर पहचान को स्पष्ट कर नाम लिखे जाएं: महापौर
नगर निगम के महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा की कांवड़ यात्रा में सभी को अपनी पहचान स्पष्ट करते हुए दुकानों पर अपने नाम लिखने चाहिए, इसमें बुराई कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं इसका समर्थन करता हूं। कांवड़ यात्रा के दौरान नगर निगम की तैयारी के बारे में उन्होंने कहा कि निगम अपनी तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है। पथ प्रकाश, पानी, सफाई आदि का विशेष ध्यान रखा जाएगा। नगर निगम क्षेत्र से होकर गुजरने वाले शिव भक्त कांवड़ियों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

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