उत्तर प्रदेश

उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा द्वारा ‘द इकोनाॅमी आफ उत्तर प्रदेश’ नामक पुस्तक का विमोचन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने भारतीय शिक्षा शोध संस्थान, निरालानगर में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी श्री अरविन्द नारायण मिश्र एवं टाइम्स आफ इण्डिया के पूर्व सम्पादक श्री अतुल चन्द्रा द्वारा लिखित पुस्तक ‘उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था’ (The Economy of Uttar Pradesh) का विमोचन किया।

    अपने सम्बोधन में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ब्यूरोक्रेट ने अपने प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर अलग-अलग शीर्षकों में बांटकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के बारे में बहुत ही अच्छे एवं रोचक ढंग से प्रस्तुतीकरण किया, वह स्वागत योग्य है। इस पुस्तक में सरकार की योजनाओं, वित्तीय प्रबंधन, इसके क्रियान्वयन एवं परिणामों के बारे में बहुत ही सुन्दर ढंग से चित्रण किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक न केवल अर्थशास्त्री, बल्कि आर्थिक विश्लेषकों एवं अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी होगी। पुस्तक में राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए धन आवंटन प्रक्रिया एवं बजट की तैयारियों आदि के बारे में विस्तार से विवरण दिया गया है। इस पुस्तक को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया गया है, जिससे यह शोध छात्रों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी उपयोगी होगी।

    उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था मूलतः कृषि पर आधारित है। हमें कृषि उत्पादन को बढ़ाना होगा तथा किसानों को उत्पादन लागत का उचित मूल्य दिलाना होगा। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है कि कृषि लागत मूल्य का डेढ़ गुना मूल्य किसानों को मिले, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि राजस्व घाटे को कम करने के लिए वित्तीय अनुशासन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बजट राशि का ज्यादा धन तो देनदारी चुकाने में चला जाता है, जिसके कारण अवस्थापना एवं मूलभूत सुविधाओं के लिए कम धनराशि मिल पाती है।

    उन्होंने ने कहा कि पूर्व सरकारों द्वारा केन्द्रीय योजनाओं से समन्वय न कर पाने से भी राज्य का समग्र विकास प्रभावित हुआ है। प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से राज्य में निवेश बढ़ रहा है तथा इससे रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित होंगे।

    इससे पहले पुस्तक का संक्षिप्त परिचय देते हुए पुस्तक के लेखक श्री अरविन्द नारायण मिश्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में इस पुस्तक की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने प्रशासनिक अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इस विषय पर बाजार में पुस्तकों का अभाव है। ऐसी स्थिति में यह पुस्तक स्नातक और स्नात्कोत्तर विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों एवं शोधार्थियों के लिए भी सहायक सिद्ध होगी।

    समारोह की अध्यक्षता श्री ब्रह्मदेव शर्मा ‘भाई जी’ ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हमारा देश गांवों का देश है। यहां ग्रामोन्मुख विकास होना चाहिए तथा इसके लिए आवश्यक है कि कृषि उद्योग आधारित विकास हो।

    इस अवसर पर नव निर्वाचित सांसद एवं पूर्व मंत्री डा0 अशोक बाजपेयी, प्रख्यात अर्थशास्त्री श्री अरविन्द मोहन, प्रो0 निशि पाण्डेय, पूर्व सूचना निदेशक श्री प्रभात मित्तल के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में पत्रकार बन्धु भी उपस्थित थे।

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