उत्तराखंड

राज्य सरकार ने संभाली एमएसबीवाई की कमान

देहरादून : मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के संचालन की कमान अब राज्य सरकार ने अपने हाथ में ले ली है। योजना का लाभ जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। मरीजों के पूर्व सत्यापन से लेकर भुगतान तक अब उनके माध्यम से होगा।

सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने  एमएसबीवाई के पैनल में शामिल समस्त सरकारी व निजी चिकित्सालयों को इसकी सूचना भेज दी है। अन्य बीमा कंपनी के साथ अनुबंध नहीं होने तक निर्धारित मानकों के अनुरूप मरीज के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

प्रदेशभर के एमएसबीवाई कार्डधारक अब पूर्व की भांति अपना इलाज करा पाएंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए व्यवस्था बना दी है। योजना के तहत कोई भी मरीज अस्पताल आता है, तो सत्यापन के लिए मेल संबंधित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को भेजी जाएगी। सीएमओ कार्यालय से दो घंटे के भीतर इसकी अनुमति मिल जाएगी। मरीज का उपचार करने के बाद अस्पताल को खर्च का पूरा ब्योरा सीएमओ की ई-मेल आइडी पर अपलोड करनी होगा। इसके बाद मरीज के इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान एमएसबीवाई में निर्धारित पैकेज के अनुरूप सरकार संबंधित अस्पताल को करेगी। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश भी दिए हैं।

बता दें कि नौ नवंबर को एमएसबीवाई योजना पर ब्रेक लग गया था। योजना बंद होने से राज्य सरकार पर भी सवाल उठने लगे। विपक्षी दलों को भी सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया था। एक दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह घोषणा की कि नई बीमा कंपनी से अनुबंध करने तक एमएसबीवाई के तहत मरीज के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। योजना बंद करने वाली बीमा कंपनी व दोषी अधिकारियों कर कड़ी कार्रवाई की बात भी उन्होंने कही थी। सीएम की घोषणा के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने भी एमएसबीवाई पैनल में शामिल समस्त अस्पतालों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं।

स्वास्थ्य सचिव नितेश झा का कहना है कि एमएसबीवाई के तहत मरीजों को पूर्व की भांति ही इलाज मिलेगा। इसके लिए व्यवस्था बना दी गई है। इस बावत अस्पतालों को भी सूचना दे दी गई है।

मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. नवीन बलूनी का कहना है कि योजना के तहत मरीजों के पूर्व सत्यापन, अप्रूवल से लेकर भुगतान तक का जिम्मा सीएमओ का रहेगा। इसके लिए अस्पतालों को समस्त सीएमओ की ई-मेल आइडी दी गई है। इलाज पूर्व निर्धारित पैकेज के तहत होगा।

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