उत्तराखंड

उत्तराखंड में जन्म लेने वालों में देवत्व का अंश विद्यमान

देहरादून : देवभूमि महोत्सव में दक्षिण कालीपीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद महाराज ने कहा कि उत्तराखंड अनादिकाल से ही ज्ञान और विज्ञान की भूमि रही है। यहां मौजूद पवित्र चार धाम और गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों की सदैव कृपा और आशीर्वाद हर उत्तराखंडवासी पर बना रहता है। उत्तराखंड में जन्म लेना गर्व की बात है। उत्तराखंड में जन्म लेने वालों में देवत्व का अंश विद्यमान है।

सोमवार को रायपुर रोड स्थित गेमविला में आयोजित देवभूमि महोत्सव के दूसरे दिन मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने उत्तराखंड के पौराणिक एवं धार्मिक इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अनादिकाल से ही देवताओं का पसंदीदा स्थान रहा है।

यही कारण है कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे पवित्र चार धार्मिक स्थल उत्तराखंड में हैं। इतना ही नहीं, गंगा, यमुनोत्री जैसी सबसे पवित्र नदियों ने भी प्रदेश पर अपना प्यार बनाया हुआ है। इनकी निर्मल धारा प्रदेश की पावन धरती को सींचने का काम कर रही है। कहा कि इस पावन धरती पर जन्म लेने वाले हर मनुष्य में देवत्व अंश विराजमान होता है।

इसके बाद छोटे बच्चों के लिए चित्रकला, निबंध, भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा से हर किसी को प्रभावित किया। इस मौके पर संस्कार भारती के अध्यक्ष योगाचार्य बिपिन जोशी, अपना परिवार संस्था के अध्यक्ष पुरुषोत्तम  भट्ट, संयोजक संजय श्रीवास्तव, अजय भïट्टनागर, गौरव त्रिपाठी, मनोरमा भट्ट, मधु सेमवाल आदि थे।

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