उत्तराखंड

रैबार में मिले सुझाव होंगे विज़न डाक्यूमेंट का अहम हिस्सा

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रैबार कार्यक्रम में मिले तमाम सुझावों को सरकार दस्तावेज के रूप में सहेज रही है। सरकार मिशन-2020 के तहत अगले तीन वर्षों के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रही है। इन सभी सुझावों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसी के हिसाब से सरकार आगे का रोडमैप तैयार करेगी।

रैबार कार्यक्रम के समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने पूरे कार्यक्रम से हासिल निष्कर्षों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी नदियों पर होने वाले खनन पर नजर रखने के लिए ड्रोन खरीद रही है। इसके लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी। पूरी चर्चा पारिवारिक माहौल में हुई। सभी वक्ताओं का फोकस कौशल विकास पर रहा। इसके लिए आइटीआइ व पॉलिटेक्नीक संस्थानों को मजबूत करने पर जोर दिया। जिलों की मैपिंग करने की आवश्यकता जताई गई। इसमें जिलों की प्राथमिकता व आवश्यकता के आधार पर कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी। पर्यटन विकास के लिए हवाई सेवाओं को और मजबूत करने पर जोर दिया गया ताकि पर्यटक प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच सकें। कार्यक्रम में साहसिक खेलों के साथ ही माउंटेन बाइकिंग को भी शामिल करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि  पलायन रोकने के लिए प्रदेश सरकार शिक्षण संस्थानों को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर विशेष फोकस करेगी।

उन्होंने बताया कि सेना ने नीती घाटी में अखरोट व चिलगोजा की नर्सरी लगाई है। इस फसल से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और अच्छी आय भी होगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में कृषि को बढ़ावा देने के लिए भी सुझाव दिए गए। वक्ताओं ने महिला स्वयं सहायता समूहों व युवा शक्ति की प्रदेश के विकास में भागीदारी पर विशेष जोर दिया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने जैविक खेती पर विशेष जोर दिया और प्रधानमंत्री की केदारनाथ धाम से इस संबंध में दिए गए भाषण का भी स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट भी मौजूद थे।

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