उत्तराखंड

ब्लू व्हेल गेम: सोशल साइट्स और साइबर कैफे रडार पर

देहरादून : ब्लू व्हेल गेम के मामलों की गंभीरता को देखते हुए अब सभी जिलों में निगरानी समिति गठित करने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए सोशल साइट्स और साइबर कैफे पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। पुलिस मुख्यालय ने इसकी अपडेट रिपोर्ट भी तलब की है। इसके अलावा साइबर सेल को इस दिशा में सर्तक रहने को कहा गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 18 सितंबर को ब्ल्यू व्हेल गेम पर देश में पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे। इसके लिए हर राज्य के गृह मंत्रालय को निर्देशित किया गया था। उत्तराखंड प्रमुख सचिव गृह आनंद बद्र्धन ने भी इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को आदेश दिए थे।

हालांकि, पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों को सर्तकता बरतने के निर्देशों के बाद भी सूबे में इस प्रकार के मामले सामने आने की चर्चा रही। दरअसल, स्कूली बच्चों के इस गेम का शिकार बन खुदकुशी के प्रयास के मामले सामने आने पर केंद्र के साथ ही राज्य में भी सतर्कता बरतते हुए इंटरनेट पर से इस गेम को पूरी तरह अनउपलब्ध कराने के प्रयास किए गए।

लेकिन, इसके बावजूद कुछ मामलों में इस गेम का नाम जुड़ता रहा। ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता बरतते हुए तमाम सोशल साइट्स और साइबर कैफे पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है। नए आदेश में कहा गया कि जो भी सोशल साइट इस गेम को चला रही है या बढ़ावा दे रही है, उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। खासकर इंटरनेट कैफे में इस गेम के खेले जाने की ज्यादा संभावनाएं हैं।

आदेश में साफ कहा गया कि ब्लू व्हेल की चपेट में आने के बाद आत्महत्या का प्रयास करने वालों की भी जानकारी जुटाई जाए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि भारत सरकार की गाइन लाइन के मुताबिक प्रत्येक जिले में भी निगरानी समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अपडेट रिपोर्ट मुख्यालय को अवगत कराने को कहा गया है।

क्या है ब्लू व्हेल गेम

कुछ माह पूर्व दुनियाभर में यह गेम तब चर्चा में आया, जब इस गेम को खेलने वाले युवाओं के आत्महत्या करने के मामले सामने आए। दरअसल, इस गेम में इस प्रकार के टास्क दिए जाते हैं कि खेलने वाले को खुद को नुकसान पहुंचाना होता है। यही नहीं गेम के अंतिम टास्क में आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है।

दुनियाभर में तेजी फैलने के बाद इस गेम ने भारत में भी दस्तक दी और मुबंई में इस गेम से जुड़ा पहला मामला सामने आया। इसके बाद उत्तराखंड में भी इस गेम को खेलकर स्कूली बच्चों के आत्महत्या का प्रयास करने की चर्चा रही। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार समेत तमाम जिम्मेदार महकमे इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने और बच्चों को इससे दूर रखने के प्रयास कर रहे हैं।

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