उत्तराखंड

अब भी संशय में है राज्य खाद्य योजना के राशन की सब्सिडी

देहरादून : भले ही राज्य सरकार एक नवंबर से उत्तराखंड में राज्य खाद्य योजना के तहत मिलने वाले राशन की सब्सिडी उपभोक्ताओं के बैंक खाते में भेजने की तैयारी कर चुकी हो, लेकिन अभी इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है कि वह खाद्यान्न के बदले पैसा जारी करेगा या फिर राशन ही राज्य को उपलब्ध कराएगा।

दरअसल, राज्य खाद्य योजना के तहत अब तक उपभोक्ताओं को प्रति परिवार दस किलो चावल व पांच किलो गेहूं बांटा जाता है। इसमें पांच किलो गेहूं व ढाई किलो चावल केंद्र सरकार देती है और बाकी का साढ़े सात किलो चावल राज्य सरकार देती है। चूंकि, राज्य सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि वह एक नवंबर से उपभोक्ताओं को खाद्यान्न के बदले सिर्फ सब्सिडी की रकम उनके बैंक खातों में भेजेगी। इस स्थिति में यदि केंद्र सरकार भी सब्सिडी खातों में भेजने के लिए राजी हो जाती है तो तब उपभोक्ताओं के खातों में प्रतिमाह करीब 185 रुपये भेजे जाएंगे। यदि सरकार सब्सिडी देने से मना करती है तो उपभोक्ताओं को पांच किलो गेहूं व ढाई किलो चावल दिए जाएंगे और बाकी खाद्यान्न की सब्सिडी राज्य सरकार उनके खाते में भेजेगी।

डीलर बताएंगे बैंक लिंक हुआ या नहीं 

जो उपभोक्ता राशन कार्ड से लिंक करने के लिए बैंक खाता आपूर्ति विभाग में जमा कर चुके हैं और उन्हें बैंक खाता राशन कार्ड से लिंक हुआ या नहीं यह जानकारी लेनी है तो उपभोक्ता राशन डीलरों से संपर्क कर सकते हैं। शासन इस सूचना को राशन डीलरों को उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है।

वहीं खाद्य आपार्ति और नागरिक आपूर्ति के प्रमुख सचिव ने बताया कि केंद्र से अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि वहां से राज्य को राज्य खाद्य योजना का खाद्यान्न दिया जाएगा या फिर पैसे। जल्द ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

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