उत्तराखंड

सैन्य विरासत में ध्वज वाहक बन रही बेटियां

देवभूमि की सैन्य विरासत में ध्वज वाहक बेटे ही नहीं, बल्कि अब बेटियां भी बन रही हैं। अब इसमें दून की और एक बेटी का भी नाम और जुड़ गया है। मोहकमपुर निवासी शिखा शर्मा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर फौज में अपना कॅरियर चुना। उनका शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल एंट्री) के तहत सेना में चयन हुआ है। शिखा ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।

शिखा के पिता अरुणकांत शर्मा ऑर्डनेंस फैक्ट्री में कार्यरत हैं। उनकी मां मधु शर्मा खुद का स्कूल चलाती हैं। शिखा बताती हैं कि उनका शुरू से ही फौजी वर्दी के प्रति लगाव था। उनकी शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल डिफेंस कालोनी से हुई। इसके बाद उन्होंने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से इलेक्ट्रिकल में बीटेक किया।

बैंगलुरु स्थित एक कंपनी के लिए उनका प्लेसमेंट हो गया था और तनख्वाह भी अच्छी मिल रही थी, लेकिन सपना कुछ और ही था। गत वर्ष इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद वह अपने सपना पूरा करने के लिए शिद्दत से जुट गई। एसएसबी में पहले ही प्रयास में कामयाबी मिली और अब वह चेन्नई जाने की तैयारी कर रही हैं। उनसे पहले भी उत्तराखंड की कई बेटियों ने फौज में अपना कॅरियर चुना है।

दून की बेटी ऐश्वर्य बिष्ट ने सीडीएस परीक्षा में युवतियों में ऑल इंडिया टॉप किया था। वित्त मंत्री प्रकाश पंत की बेटी नमिता भी हाल में फौज में अफसर बनी हैं। पति की शहादत के बाद दून निवासी प्रिया सेमवाल ने भी फौज में भविष्य बनाया।

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