उत्तराखंड

हल्द्वानी पहुंचा शहीद मेजर कमलेश पांडे का शव, श्रद्धांजलि को उमड़ी भीड़

हलद्वानी : कश्मीर के शोपिया जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हलद्वनी के मेजर कमलेश पांडेय का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच गया। इस दौरान शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

सुबह से ही मेजर कमलेश के घर अंतिम दर्शन को लोगों का तांता लग गया। परिवहन मंत्री मंत्री यशपाल आर्य, विधायक बंशीधर भगत, जिलाधिकारी दीपेंद्र चोधरी, एसएसपी जनमेजय खंडूरी ने भी शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान घर के बाहर, जब तक सूरज चांद रहेगा, पांडेय तेरा नाम रहेगा, पाकिस्तान मुर्दाबाद समेत कई देश भक्ति नारों की गूंज रही। वहीं शहीद के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था।

मेजर कमलेश हिम्मतपुर मल्ला के कांति पुरम में रहते थे। गत दिवस कमलेश के शहीद होने का समाचार घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। मेजर कमलेश के पिता मोहन चंद्र पांडेय भी सेना से सेवानिवत्त हुए है, जबकि छोटा भाई आर्मी पोस्टल सर्विस में है।

मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के दिगोली बाड़ेछीना में रहने वाले मेजर कमलेश के प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल में हुई थी। कक्षा छह से 12 तक वह रानीखेत के केंद्रीय विद्यालय में पढ़े।

2006 में उनका चयन एअर फोर्स में एअर मेन के पद पर हुआ था। नौकरी के साथ ही उन्होंने स्नातक किया और 2010 में सीडीएस परीक्षा पास की। तीन माह पहले ही वह मेजर के पद पर प्रोन्नत हुए थे।

पिता मोहन ने बताया कि गत सुबह करीब नौ बजे सेना के एक अफसर ने फोन कर बेटे के शहीद होने की जानकारी दी। दोपहर में आर्मी स्टेशन हलद्वनी और जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अफसर शहीद के घर पहुंचे। वहीं, बेटे की मौत की खबर से मां शांति पांडेय और बड़ी बहन बीना पंत बेहाल हैं। शहीद कमलेश की पत्नी रचना पांडे और दो साल की बेटी भूमिका दिल्‍ली में रहते हैं। रचना का मायका गाजियाबाद में है। उनको फोन पर सूचित कर दिया गया है। देर शाम तक उनके पहुंचने की संभावना है।

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