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नौसेना में शामिल हुआ पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट

टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) ने नौसेना को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पहली डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट (डीएससी ए-20) सौंप दी है। कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। आधिकारिक बयान के अनुसार,डीएससी ए-20 को तटीय क्षेत्रों में गोताखोरी (डाइविंग) अभियानों को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है और इसमें अत्याधुनिक डाइविंग उपकरण लगाए जा रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में टीआरएसएल को पांच डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट बनाने का अनुबंध दिया था। उसी अनुबंध के तहत यह पहला क्राफ्ट मंगलवार को नौसेना में शामिल हुआ। इसका डिजाइन नौसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है ताकि यह विविध प्रकार की गोताखोरी गतिविधियों और तटीय परिचालनों में प्रभावी साबित हो सके।

इन खासियतों से लैस है डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट
इसे विशेष रूप से तटीय और समुद्री क्षेत्रों में डाइविंग ऑपरेशन्स के लिए तैयार किया गया है। डाइवर्स आसानी से समुद्र में उतर सकते हैं और पानी के अंदर मिशन को अंजाम दे सकते हैं।

इसमें आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जैसे कि ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम, डाइविंग बेल, और पानी के अंदर संचार उपकरण, ताकि गोताखोर सुरक्षित और प्रभावी तरीके से काम कर सकें।
कैटामारन हुल (पतवार) पोत को अधिक स्थिर और संतुलित बनाता है। समुद्र में तेज लहरों में भी पोत संतुलित रहता है।
बड़ा विस्थापन डीएससी ए-20 का विस्थापन लगभग 380 टन है। इसका मतलब है कि यह भारी उपकरण और सामग्री आसानी से ले जा सकता है।
यह पोत केवल गोताखोरी के लिए ही नहीं, बल्कि तटीय सर्वे, पानी के अंदर मरम्मत और बचाव कार्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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