डेमोक्रेटिक नेताओं ने इस्राइल-हमास युद्ध पर स्थिति स्पष्ट करने की बनाई थी योजना

डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने इस हफ्ते इस्राइल-हमास युद्ध पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की योजना बनाई थी। लेकिन अचानक हुए बदलाव में फैसला टाल दिया गया। अब इस मुद्दे पर पार्टी को कोई स्पष्ट रुख अपनाने में कई महीने लग सकते हैं। यह वही मुद्दा है जिसने डेमोक्रेटिक पार्टी को शायद किसी और मामले से ज्यादा बांट दिया है।
मंगलवार को यह बहस तब हुई जब डीएनसी की सालाना ग्रीष्मकालीन बैठक मिनियापोलिस के एक होटल में हुई। इस दौरान गाजा युद्ध और मानवीय संकट पर दो अलग-अलग प्रस्ताव रखे गए। पहला प्रस्ताव समिति की प्रगतिशील शाखा ने दिया, जिसमें इस्राइल को हथियार भेजने पर रोक और सैन्य मदद बंद करने की मांग थी। दूसरे प्रस्ताव को डीएनसी अध्यक्ष केन मार्टिन ने समर्थन दिया। इसमें इस्राइल के नजरिये को भी शामिल किया गया था और तत्काल युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में भोजन, पानी, दवाइयां और आश्रय जैसी मानवीय मदद बिना रोकटोक पहुंचाने की मांग थी। इसमें दो-राज्य समाधान इस्राइल और फलस्तीन दोनों का स्वतंत्र देश के समर्थन की भी पुष्टि की गई।
मार्टिन ने अपना प्रस्ताव वापस लेने का किया फैसला
डीएनसी की संकल्प समिति ने मार्टिन के प्रस्ताव का समर्थन किया और प्रगतिशील शाखा के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। लेकिन मार्टिन ने अपना ही प्रस्ताव वापस ले लिया। उन्होंने सदस्यों से इस मुद्दे पर आगे अध्ययन करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की अपील की। मार्टिन ने कहा, ‘हमारी पार्टी में इस मुद्दे पर मतभेद हैं। मैंने अभी के लिए सुनने और बातचीत करने का फैसला किया है, ताकि हम आगे एकजुट होकर बढ़ सकें।’
इस मुद्दे ने डेमोक्रेट्स को विभाजित किया है
इस फैसले ने राजनीतिक बहस को और लंबा खींच दिया है। इस मुद्दे ने पिछले साल के अधिकांश समय में डेमोक्रेट्स को विभाजित किया है। संकल्प समिति के सदस्यों के मुताबिक, उन्हें दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं से करीब 5,000 ईमेल मिले थे। भले ही पार्टी बाद में कोई आधिकारिक फैसला ले ले, लेकिन यह मुद्दा अगले साल के मध्यावधि चुनावों तक पार्टी समर्थकों को बांटे रख सकता है। वैसे भी, डीएनसी का कोई भी प्रस्ताव प्रतीकात्मक होगा, उसका सीधा असर नहीं पड़ेगा।