देश-विदेश

माया जंगल की रक्षा के लिए तीन देशों में समझौता

मेक्सिको, ग्वाटेमाला और बेलीज के नेताओं ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे माया वर्षावनों की रक्षा के लिए एक त्रि-राष्ट्रीय प्राकृतिक आरक्षित क्षेत्र बना रहे हैं। इस बैठक में माया वन क्षेत्र में मेक्सिको रेल लाइन के विस्तार पर भी चर्चा हुई। पेड़ों की कटाई के चलते इस रेल लाइन प्रोजेक्ट की आलोचना हो रही है।

दुनिया के फेफड़े माने जाते हैं माया वन
माया वर्षा वन आरक्षित क्षेत्र दक्षिणी मेक्सिको और ग्वाटेमाला और बेलीज के उत्तरी भागों के जंगली इलाकों में फैला होगा, जिसका क्षेत्रफल 1.40 करोड़ एकड़ से ज्यादा है। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने इस कदम को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे लैटिन अमेरिका में अमेजन वर्षावन के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रकृति आरक्षित क्षेत्र बनेगा, जो दुनिया के लिए फेफड़े का काम करेगा और इससे प्रदूषण पर लगाम लगेगी। ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति बर्नार्डो एरेवालो और बेलीज के प्रधानमंत्री जॉनी ब्रिसेनो के साथ समझौते पर हस्ताक्षर के बाद मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा, ‘यह पृथ्वी के फेफड़ों में से एक है, हजारों प्रजातियों का घर है जिसकी एक अमूल्य सांस्कृतिक विरासत है। हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए संरक्षित करना चाहिए।’

रेल लाइन प्रोजेक्ट पर विवाद
तीनों देशों के नेताओं ने मेक्सिको द्वारा दक्षिणी मेक्सिको से ग्वाटेमाला और बेलीज तक बनाए जा रहे माया ट्रेन प्रोजेक्ट पर भी चर्चा हुई। करीब हजार मील लंबी यह रेलगाड़ी वर्तमान में मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप तक चलती है, और इसका निर्माण मेक्सिको के लोकप्रिय रिसॉर्ट्स को ग्रामीण क्षेत्रों में सुदूर जंगलों और माया पुरातात्विक स्थलों से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि इस पर खूब विवाद हुआ क्योंकि इस प्रोजेक्ट के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए और अनुमान है कि बीते चार वर्षों में इस प्रोजेक्ट के लिए 70 लाख पेड़ काटे गए हैं। साथ ही इस प्रोजेक्ट के चलते माया वन में संरक्षित क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचा।

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