क्यों 13 अगस्त को हर साल मनाते हैं विश्व अंगदान दिवस? पढ़ें इतिहास

हर साल 13 अगस्त को विश्व भर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन गुमनाम नायकों को सलाम करने का दिन है जिन्होंने अंगदान करके दूसरों को जिंदगी का सबसे अनमोल तोहफा दिया है।
क्या आपने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसके अंग किसी और के शरीर में धड़क सकते हैं, सांस ले सकते हैं और देख सकते हैं? जी हां, यह दिन हमें इसी चमत्कार के बारे में बताता है और हमें प्रेरित करता है कि हम भी अंगदान जैसे महादान का हिस्सा बनें। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंगदान के महत्व के प्रति जागरूक करना और इस संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर करना है।
क्यों जरूरी है अंगदान?
अमेरिका के यूनाइटेड नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग के अनुसार, हजारों लोग जीवन रक्षक अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में हैं, लेकिन उपलब्ध डोनर्स की संख्या बहुत कम है। हर एक डोनर 8 लोगों की जान बचा सकता है और 75 से ज्यादा लोगों का जीवन बेहतर बना सकता है। यही वजह है कि अंगदान को जीवन का सबसे बड़ा उपहार कहा जाता है।
क्यों मनाते हैं विश्व अंगदान दिवस?
ऑर्गन ट्रांसप्लांट की शुरुआत 20वीं सदी से देखने को मिलती है। 1954 में डॉ. जोसेफ मरे ने पहली बार एक जीवित डोनर (रोनाल्ड ली हेरिक) से उनके जुड़वां भाई को सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया। यही वह पल था, जिसने आगे चलकर हार्ट, लिवर, फेफड़े और अन्य ऑर्गन्स के ट्रांसप्लांट का रास्ता खोल दिया। इस ऐतिहासिक घटना ने अंगदान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी। यह दिन हमें उस चिकित्सा प्रगति की याद दिलाता है जिसने हजारों लोगों को नया जीवन दिया है।