उत्तराखंड

जिला पंचायत अध्यक्ष अनंतिम आरक्षण पर शासन को मिली 42 आपत्तियां

उत्तराखंड: अंतिम दिन शासन को पौड़ी जिले से नौ, ऊधमसिंह नगर से तीन, रुद्रप्रयाग से एक, उत्तरकाशी से दो, चंपावत से तीन, चमोली से एक, टिहरी से चार और पिथौरागढ़ जिले से दो आपत्तियां मिली है।

प्रदेश की जिला पंचायतों में (हरिद्वार को छोड़कर) अध्यक्ष पद के लिए अनंतिम आरक्षण पर शासन को 42 आपत्तियां मिली हैं। इसमें सबसे अधिक 16 आपत्तियां देहरादून जिले से है। शासन की ओर से गठित समिति आज इनका निस्तारण करेगी। जबकि छह अगस्त को आरक्षण का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा।

जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए अनंतिम आरक्षण सूची जारी किए जाने के बाद इस पर आपत्ति के लिए शासन ने दो दिन का समय दिया था। सोमवार को इसके दूसरे और अंतिम दिन शासन को पौड़ी जिले से नौ, ऊधमसिंह नगर से तीन, रुद्रप्रयाग से एक, उत्तरकाशी से दो, चंपावत से तीन, चमोली से एक, टिहरी से चार और पिथौरागढ़ जिले से दो आपत्तियां मिली है। इसके अलावा एक व्यक्ति की ओर से हरिद्वार को छोड़कर अन्य सभी जिलों में आरक्षण पर आपत्ति दर्ज कराई गई है।

आपत्तियां दर्ज कराने वाले लोगों का कहना है कि शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मनमाफिक आरक्षण तय किया है। जहां जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सीट अनारक्षित होनी थी। उस जिले में इसे महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

वहीं, जिस जिले में महिला के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट आरक्षित होनी थी, उस जिले में इसे अनारक्षित किया गया है। शासन ने जारी आदेश में कहा है कि अनंतिम आरक्षण प्रस्ताव के खिलाफ आपत्तियां प्राप्त करने के लिए तय तिथि के बाद प्रस्तुत आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।

आज यह समिति करेगी आपत्तियों का निपटारा
शासन की ओर से गठित समिति आरक्षण प्रस्ताव पर दर्ज आपत्तियों का आज निपटारा करेगी। समिति में अपर सचिव श्याम सिंह, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, मनवर सिंह राणा व उप निदेशक पंचायतीराज मनोज कुमार तिवारी शामिल हैं।

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