जीवनशैली

पुरुषों में भी होता है मेनोपॉज, टेस्टोस्टेरोन कम होने पर नजर आते हैं ये लक्षण

क्‍या आपने कभी सोचा है क‍ि जैसे मह‍िलाओं में मेनोपॉज होते हैं, वैसे पुरुषों में भी हो सकते हैं? जी हां, दरअसल जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती जाती है, उनके शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इन बदलावों में एक बड़ा कारण हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की कमी भी हो सकती है। इसे हम आम भाषा में मेल मेनोपॉज (Male Menopause) कहते हैं।

आमतौर पर ये समस्या 50 साल की उम्र के बाद देखने को म‍िलती है। इसके लक्षण हमारे शारीरिक, मानसिक और सेक्‍सुअल हेल्‍थ पर असरा डाल सकते हैं। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे क‍ि मेल मेनोपॉज क्‍या हाेता है। साथ ही उसके लक्षण, कारण और इससे निपटने के आसान उपायों के बारे में भी जानेंगे। तो आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से –

क्‍या होता है Male Menopause?
मेल मेनोपॉज को एंड्रोपॉज भी कहा जाता है। ये एक ऐसी स्थिति होती है जब पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन (testosterone) हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है। आमतौर पर ये समस्‍या 50 साल या उससे ज्‍यादा उम्र के पुरुषों में देखी जाती है। इसके लक्षणों में थकान, नींद न आना, मूड में बदलाव और प्रजनन क्षमता पर असर भी शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें क‍ि इसे टेस्टोस्टेरोन की कमी, एंड्रोजन की कमी या लेट-ऑनसेट हाइपोगोनैडिज्म भी कहा जाता है।

क्‍या हैं मेल मेनोपॉज के लक्षण?
हमेशा थकान महसूस होना
उदासी या डिप्रेशन छाए रहना
क‍िसी भी काम में मन न लगना
सेल्‍फ कॉन्‍फ‍िडेंस में कमी
फोकस करने में मुश्किल होना
नींद न आना या फि‍र बार-बार नींद खुलना
वजन बढ़ना
मसल्‍स की कमजोरी
स्तनों का बढ़ना
हड्डियों का कमजोर होना
सेक्‍स में इंटरेस्‍ट न लेना
इरेक्टाइल डिसफंक्शन
बच्चे पैदा करने की क्षमता में कमी होना
बाल झड़ना
गर्मी लगना
Testicles का आकार छोटा होना

कैसे करें मालूम?
डॉक्टर एक ब्लड टेस्ट से आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल चेक करते हैं।
अगर मेल मेनोपॉज से ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है, तो बिना किसी दवा के भी इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।

कैसे करें बचाव?
हेल्‍दी डाइट लें
रोजाना एक्‍सरसाइज जरूर करें
अच्छी नींद लें
तनाव न लें
मेड‍िटेशन भी करें

हार्मोन थेरेपी से हो सकता है इलाज
कुछ मामलों में डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन की हार्मोन थेरेपी कराने की भी सलाह देते हैं। लेक‍िन इससे फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हो सकता हैं। खासतौर पर अगर किसी को प्रोस्टेट कैंसर है, तो ये थेरेपी कैंसर को बढ़ा सकती है। इसलिए हार्मोन थेरेपी शुरू करने से पहले इसके फायदे और नुकसान अच्छे से समझना जरूरी है।

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