गलती से टूट जाए सावन सोमवार का व्रत तो क्या करें, जानिए नियम

सावन (Sawan 2025) का महीना भगवान शिव को समर्पित है और सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर आप इस व्रत का पालन कर रहे हैंं और यह गलती से टूट जाता है तो शास्त्रों में इसके लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इन्हें करने से सभी पापों का नाश होता है तो आइए जानते हैं।
सावन का महीना बहुत ज्यादा फलदायी होता है। यह भगवान शिव को समर्पित है। इस दौरान (Sawan 2025) रखे जाने वाले सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व है, जिसे शिव भक्त पूरी भक्ति के साथ रखते हैं, ताकि उन्हें भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मिल सके, लेकिन कई बार अनजाने में या फिर किसी परिस्थिति के चलते व्रत टूट जाता है।
ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि क्या करें? तो घबराने की जरूरत नहीं है, शास्त्रों में इसके लिए भी कुछ नियम और उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं।
सावन व्रत टूटने पर क्या करें? (Sawan Somwar Tutne Par Kya Karen?)
क्षमा याचना – सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है भगवान शिव से सच्चे मन से क्षमा मांगें। हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करें कि यह गलती अनजाने में हुई है और आने वाले समय में आप अधिक सावधानी बरतेंगे।
फिर व्रत का संकल्प लें – अगर व्रत दिन के शुरुआती प्रहर में ही टूट गया है और आप शारीरिक रूप से सक्षम हैं, तो उसी दिन या अगले सोमवार को फिर से व्रत का संकल्प लेकर उसे पूरा करने का प्रयास करें। इसे “प्रायश्चित व्रत” भी कहा जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप – शिव पुराण के अनुसार, अगर सावन सोमवार का व्रत गलती से टूट जाए, तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इस मंत्र से भगवान शिव खुश होते हैं और सभी दोषों को दूर करते हैं, जितना अधिक हो सके, इस मंत्र का जाप करें।
दान-पुण्य करें – व्रत टूटने पर दान-पुण्य करना एक उत्तम उपाय माना गया है। ऐसे में गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं, वस्त्र दान करें या अपनी सामर्थ्य अनुसार किसी मंदिर में दान करें। दान करने से मन को शांति मिलती है और किए गए पापों का प्रायश्चित होता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं – अगर व्रत टूट गया है, तो शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके साथ ही बिल्व पत्र, धतूरा और शमी पत्र भी चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान शिव खुश होते हैं।
करें ये काम
अगर व्रत गलती से टूटा है, जानबूझकर नहीं, तो इसका अपराध नहीं बनता है।
ऐसे में अगले सावन सोमवार पर ज्यादा भक्ति और सावधानी से व्रत का पालन करें।
या फिर उसी दिन जब याद आ जाए, तो माफी मांगकर व्रत का पालन करें।
अगर आप सोलह सोमवार का व्रत कर रहे हैं और बीच में कोई व्रत टूट जाता है, तो आखिरी सोमवार को उद्यापन करते समय विधिवत पूजा करें और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें।