मतदाता सत्यापन में आधार और EPIC के साथ राशन कार्ड पर करें विचार

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही चुनाव आयोग से बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन के दौरान मांगे जाने वाले दस्तावेजों में आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को शामिल करने पर विचार करने के लिए कहा है जबकि हकीकत यह है कि वह पहले से ही सत्यापन के जुडे गणना फार्मों के साथ आधार व मतदाता पहचान पत्र का ब्यौरा मतदाताओं से मांग रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद चुनाव आयोग ने किया साफ
यह बात अलग है कि इसके साथ ही वह अब तक ग्यारह अन्य दस्तावेजों की सूची में से किसी एक की मांग भी कर रहा है। देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद चुनाव आयोग आधार और मतदाता पहचान पत्र मुहैया कराने वाले मतदाताओं को दूसरे दस्तावेजों को देने से राहत देता है या वह अपनी मांग जारी रखता है।
सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड पर विचार के दिए संकेत
वैसे भी आयोग ने उसे ऐसा करने को लेकर कोई आदेश नहीं दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से मतदाता सूची के सत्यापन के दौरान मांगे जाने वाले दस्तावेजों में राशन कार्ड को भी शामिल करने पर विचार करने को कहा है।
आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो राशन कार्ड बनाने के कानूनी पहलुओं को देखने के बाद इसे शामिल करने पर विचार किया जाएगा। रही बात आधार और मतदाता पहचान पत्र की तो उसे 24 जून को जारी किए गए सघन सत्यापन से जुड़े गणना फार्म में यह जानकारी मांगी जा रही है।
मतदाता सूची की शुद्धता को कई स्तरों पर जांच जाए
आधार और मतदाता पहचान पत्र के साथ ग्यारह अन्य दस्तावेजों में से किसी एक को मांगे जाने के पीछे सिर्फ उद्देश्य यही है कि जिस तरह से आधार सहित दूसरे दस्तावेजों को तैयार करने में गड़बड़ी देखने को मिल रही है, उनमें मतदाता सूची की शुद्धता को कई स्तरों पर जांच जाए और अंतिम रूप दिया जाए।
एसआइआर के तहत 66 प्रतिशत गणना फार्म हो चुके हैं एकत्रित : चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि 24 जून से शुरू हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के तहत पिछले 16 दिनों में 5.22 करोड़ गणना फार्म एकत्र किए जा चुके हैं। ये राज्य के कुल 7.89 करोड़ मौजूदा मतदाताओं का 66.16 प्रतिशत हैं।अधिकारी ने बताया कि इसी गति को बनाए रखते हुए गणना फार्म एकत्र करने का काम 25 जुलाई की निर्धारित तिथि से काफी पहले पूरा किया जा सकता है।