उत्तराखंड

प्रदेश के विकास पर झलकी बालमन की पीड़ा

राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ‘बीता हुआ समय और आने वाला कल’ विषय पर हैस्को, अमन व टीडीएच जर्मनी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए बच्चों ने अपने मन में उठ रही चिंता को जाहिर किया और समाधान भी बताए। हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने विषय के बारे में बच्चों को बताया और फिर उनके मन की थाह भी ली।

कार्यक्रम में बागेश्वर से आए छात्र रोहित ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि विधायक व सांसद निधि यदि संबंधित वित्तीय वर्ष में समाप्त न की जाए तो उसे लैप्स किए जाने का प्रावधान होना चाहिए। तभी हमारे जनप्रतिनिधि अपनी निधियों का समय पर उपयोग कर पाएंगे।

नैनीताल से पहुंची नीलम ने विचार रखे कि राज्य बनने से अब तक हमने विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है और उस विकास का कहीं अता-पता भी नहीं है। वहीं, नैनीताल के ही करन ने बल दिया कि वीआइपी कल्चर को हर स्तर पर समाप्त कर देना चाहिए। वहीं, देहरादून निवासी कपिल ने विकास कार्यों में होने वाले विलंब पर चिंता जाहिर की।

उन्होंने कहा कि कोई भी काम समय पर पूरा नहीं किया जाता और उसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है। रुद्रप्रयाग की अदिति ने लिंग-जाति और धर्म के भेद को समाप्त करने पर बल दिया। बागेश्वर से पहुंचे अजय पांडे ने जोर दिया कि किसी भी कार्य में पर्यावरण को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए। जबकि अल्मोड़ा से आई दीपा आर्य ने चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने, प्राकृतिक रूप से उपलब्ध औषधियों को बढ़ावा देने की बात कही।

इसी जिले की पिंकी ने कन्या भ्रूण हत्या पर दुख जताते हुए इसे सिरे से खत्म करने का प्रयास करने को कहा। इस अवसर पर अमन संस्था की प्रतिनिधि नीलिमा, हैस्को की प्रतिनिधि डॉ. किरन नेगी आदि ने भी विचार रखे।

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