उत्तराखंड

नए समूहों को मिलेगा इंदिरा अम्मा के संचालन का जिम्मा

देहरादून : इंदिरा अम्मा कैंटीन के संचालन का जिम्मा अब नए महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा। इसके लिए शासन ने गाइडलाइन जारी की है। नगर निगम क्षेत्र की कैंटीन एक समूह को एक साल और ग्रामीण क्षेत्र की कैंटीन दो साल के लिए ही दी जाएगी। विकास विभाग ने कैंटीन संचालन के लिए समूहों से आवेदन मांगे हैं।

देहरादून नगर निगम क्षेत्र में तीन कैंटीन हैं। जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में ऋषिकेश, विकासनगर, डोईवाला और सेलाकुई में भी कैंटीन चल रही हैं। यहां 20 रुपये में भोजन की थाली मिलती है और प्रति थाली 10 रुपये सरकार समूह को सब्सिडी के रूप में देती है। 15 अगस्त 2015 को पहली कैंटीन घंटाघर स्थित एमडीडीए कॉम्प्लेक्स में शुरू की गई थी।

बाद में अन्य जगहों पर भी कैंटीन खोली गई। इसके अलावा सचिवालय में भी कैंटीन चल रही है, लेकिन यह सब्सिडी रहित है। मुख्य विकास अधिकारी जीएस रावत ने बताया कि 22 अगस्त तक आवेदनों की स्क्रूटनी का कार्य पूरा हो जाएगा।

फिर, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कैंटीनों का आवंटन होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे समूह को ही संचालन का जिम्मा दिया जाएगा, जिसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से रिवॉल्विंग फंड मिला हो। साथ ही वह मिशन के सभी मानकों को भी पूरा करता हो।

 बेचैन हुए समूह

इस व्यवस्था के लागू होने से उन समूहों में बेचैनी है, जो वर्तमान में कैंटीनों का संचालन कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टनगर स्थित कैंटीन चला रही महिलाओं ने गुरुवार को महापौर एवं विधायक विनोद चमोली से मुलाकात भी की। समूह की महिलाओं का कहना है कि इससे वह फिर से बेरोजगार हो जाएंगी। जबकि, वह समर्पित भाव से कार्य कर रही हैं।

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