उत्तराखंड

उत्तराखंड में आफत के अगले 72 घंटे, भारी बारिश की चेतावनी

देहरादून : उत्तराखंड में फिलहाल मौसम के मिजाज में कोई बदलाव नहीं आया है, जिससे समस्याएं और बढ़ गई हैं। गढ़वाल मंडल के पर्वतीय जिलों सहित देहरादून, हरिद्वार व कुमाऊं मंडल में रुक-रुक कर हो रही वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो गया है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटे राज्य के लिए भारी बताए हैं।

लगातार हो रही वर्षा से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाइवे कई जगह बंद है। इससे मंगलवार रात से लगभग 400 यात्री बदरीनाथ में फंसे हुए हैं। बारिश के चलते हाइवे को अभी तक खोला नहीं जा सका है। वहीं, 200 के करीब जिन यात्रियों को पांडुकेश्वर, पीपलकोटी, चमोली आदि यात्रा पड़ावों पर रोका गया था, उन्हें प्रशासन ने सुविधानुसार आगे बढ़ने या लौटने की अनुमति दे दी।

कुमाऊं मंडल में भी भारी बारिश से भारत-चीन सीमा पर स्थित नाम्पा नदी पर बना लकड़ी का पुल बहने से अंतिम गांव कुटी देश-दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है। ऐसे में आदि कैलास जा रहे 13वें यात्रा दल को गुंजी में ही रोक दिया गया।

गंगा सहित राज्य की प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। राज्य के लगभग 70 संपर्क मार्ग बाधित होने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। इन गांवों में कई दिनों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित है।कोटद्वार में सड़क पर पेड़ गिरने से तीन बाइक सवार घायल हो गए, वहीं कर्णप्रयाग मार्ग पर एक टैक्सी वाहन पर पहाड़ से बोल्डर गिरने से सात यात्री घायल हो गए। उत्तरकाशी में करीब 25 दिन से बंद पड़ा गोमुख ट्रैक भी अब तक खोला नहीं जा सका है। गंगोत्री हाईवे लालढांग के पास बंद हो गया था, जिसे सुचारु कर दिया गया। यमुनोत्री हाईवे पर भी यातायात सुचारु है।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले 72 घंटों के दौरान देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, चमोली, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर व पिथौरागढ़ जिलों में कई स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने भी सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।

घटने लगा गंगा का जलस्तर 

हरिद्वार में गंगा का जलस्तर घटने के क्रम में है। आपदा कंट्रोल रुम से मिली जानकारी के अनुसार छह बजे जलस्तर 292.55 मीटर पर रेकॉर्ड किया गया है। जो चेतावनी लेवल 293 मीटर से कम है। एडीएम वित्त एवं राजस्व डाक्टर ललित नरायन मिश्र ने बताया स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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