उत्तराखंड का हर आध्यात्मिक गांव होेगा विकसित सीएम धामी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश और दुनिया के लिए आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर तक योग, आयुर्वेद व ध्यान केंद्रों का विस्तार किया जाएगा। हर ब्लॉक में एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट पर आध्यात्मिक गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल से राज्य को पर्यटन व स्वास्थ्य से जुड़ी एक नई पहचान मिलेगी।
सोमवार को मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर राज्य के विकास कार्यों की प्रगति, जनशिकायतों का समाधान व प्रशासनिक सुधारों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के विजन व एक जिला एक मेला अभियान के लिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने वाले मेलों के भव्य आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए।
एक जिला-एक मेला अभियान के तहत चयनित मेलों को राजकीय मेला के रूप में घोषित किया जाएगा। जिन मेलों को यह मान्यता प्राप्त होगी, उन्हें विशेष संरक्षण, वित्तीय सहायता व प्रचार-प्रसार का लाभ मिलेगा। इन मेलों के आयोजक वही रहेंगे, राज्य सरकार केवल सहायता व आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।
सीमा से लगे गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना में विकसित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत चिन्हित गांव में होमस्टे, स्वरोजगार, उद्यानिकी, कृषि और सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियों की नियमित निगरानी की जाए। सीमा से लगे गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना व पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने शीतकालीन चारधाम यात्रा व बारहमासी पर्यटन की तैयारियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके तहत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों में होटलों, होमस्टे संचालकों के साथ ही अन्य सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) व गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को शीतकालीन यात्रा के दौरान विशेष छूट पैकेज तैयार कर लागू करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र के द्रोणगिरी, चंपावत के श्यामलाताल-देवीधूरा और अन्य क्षेत्रों में आध्यात्मिक आर्थिकी जोन विकसित करने की संभावनाओं का सर्वेक्षण कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा अभिनव कुमार, कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जीआई टैग उत्पादों के निर्यात के लिए बनाएं कार्य योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआई टैग से उत्पादों को निर्यात योग्य बनाने की दिशा में ठोस कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रत्येक जिला को अपनी कार्ययोजना तैयार कर लेनी चाहिए। इससे स्थानीय उत्पादों को बाजार मिलने के साथ ही किसानों को लाभ मिलेगा।
जिला स्तर पर सत्यापन व निरीक्षण अभियान चलाएं
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए जिला स्तर पर नियमित सत्यापन और निरीक्षण अभियान चलाने को कहा। उन्होंने सीमा क्षेत्रों में विशेष निगरानी बनाए रखने और प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए। शहरों व संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों की पूरी व्यवस्था और उनकी रियल-टाइम मॉनीटरिंग की जाए। सुरक्षा के लिए मानव संसाधन, तकनीक व अन्य संसाधनों की जरूरत होने पर मुख्यालय और शासन को प्रस्ताव भेजा जाए। नशे पर नियंत्रण के लिए संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ डीजीपी के मार्गदर्शन में नशा मुक्ति अभियान के लिए समर्पित टीम बनाने की व्यवस्था की जाएगी।
सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने राज्य की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए सख्त निर्देश दिए। प्राथमिकता पर क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कर गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां बार-बार सड़कें खराब होने की शिकायतें अधिक आ रही हैं। उन्होंने राज्य की सभी सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए। सीएम ने जिलाधिकारियों को पिछले तीन साल में बने स्थायी निवासी प्रमाणपत्रों की जांच के निर्देश देते हुए गलत तरीके से बने प्रमाणपत्र में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

