उत्तराखंड

देहरादून: मीटर में छेड़छाड़ को लेकर यूपीसीएल के जेई और एक्सईएन निलंबित

गुरुकुल नारसन में बिजली घर से बिजली चोरी, स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ के मामले में यूपीसीएल मुख्यालय ने एक जेई, एक प्रभारी अधिशासी अभियंता को निलंबित कर दिया है। दोनों को अलग-अलग मुख्य अभियंता कार्यालय अटैच किया गया है। यूपीसीएल मुख्यालय ने मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया है।

दरअसल, दो दिन पहले गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल के बिजली घर के बाहर से पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा। जब उनसे पूछताछ हुई तो उन्होंने बिजलीघर में लगे वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर में छेड़छाड़ की बात स्वीकारी। यूपीसीएल की मापक टीम ने जांच की तो मौके पर ही इस बात की पुष्टि हो गई कि बिजली घर के भीतर लगे मीटर में छेड़छाड़ करके बिजली चोरी की जा रही थी। टीम ने मीटर को सील कर दिया और जांच के लिए भेज दिया। मामले में उपनल के कर्मचारी अकरम अली समेत पांच पर मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें दो फैक्ट्री के कर्मचारी भी बताए जा रहे हैं।

इस पूरे मामले में और जांच के बाद यूपीसीएल मुख्यालय ने कड़ी कार्रवाई की। निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने लंढौरा के एसडीओ और विद्युत वितरण खंड रुड़की के प्रभारी अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी को निलंबित करते हुए मुख्य अभियंता वितरण, रुद्रपुर क्षेत्र संबद्ध किया गया है। उनकी जगह सहायक अभियंता हरिद्वार अमित तोमर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सवाल उठ रहे हैं कि एक एसडीओ को आखिर अधिशासी अभियंता का प्रभार कैसे दिया गया।

निदेशक परिचालन आर्य ने मामले में एसडीओ मंगलौर जेई अनुभव सैनी को निलंबित करते हुए मुख्य अभियंता वितरण कुमाऊं क्षेत्र हल्द्वानी संबद्ध किया है। उनकी जगह एसडीओ झबरेड़ा मोहम्मद रिजवान को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। देखने में जितना ऊपरी तौर पर यह मामला शांत है, भीतर से उससे अधिक गंभीर माना जा रहा है। मामले में यूपीसीएल एमडी अनिल कुमार ने मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें एक अधीक्षण अभियंता व एक डिप्टी सीएफओ शामिल हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर निगम फैक्ट्री मालिक के खिलाफ जुर्माना समेत अन्य कार्रवाई करेगा।

सभी इंडस्ट्री का होगा एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने आदेश दिया है कि रुड़की, भगवानपुर समेत पूरे क्षेत्र में उच्च बिजली खपत वाली सभी स्टील फैक्ट्री और अन्य उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट होगा। इससे स्पष्ट होगा कि बिजली किस स्तर पर खपत हो रही है। कहीं किसी स्तर पर कोई गड़बड़ी पकड़ में आई तो उस हिसाब से कार्रवाई होगी।

फैक्ट्री के कर्मचारियों पर मुकदमा, मालिक को बचाने का आरोप
वासू स्टील फैक्ट्री के कर्मचारियों पर तो बिजली चोरी के इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है लेकिन मालिक का नाम इसमें शामिल नहीं है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या कर्मचारी अपने स्तर से फैक्ट्री के लिए बिजली चोरी कर रहे थे। यूपीसीएल और पुलिस से मांग की जा रही है कि मुख्यालय को करोड़ों का चूना लगाने वाली फैक्ट्री के मालिक पर भी कार्रवाई हो।

हर फैक्ट्री के होते हैं दो मीटर, दोनों में हुई छेड़छाड़
बड़ी फैक्ट्रियों के लिए एक मीटर फैक्ट्री परिसर में और दूसरा मीटर संबंधित बिजलीघर में होता है। डबल मीटरिंग इसलिए होती है कि कहीं बिजली चोरी या अन्य कोई मीटर संबंधी गड़बड़ न हो, लेकिन यहां तो दोनों ही मीटरों में गड़बड़ियां की जा रही थीं। यूपीसीएल के लिए अब इस मामले की जांच चुनौतीपूर्ण काम होगा क्योंकि रुड़की, भगवानपुर क्षेत्र में काफी संख्या में स्टील फैक्ट्री संचालित हो रही हैं।

हमने मामले में अधिशासी अभियंता स्तर तक के अधिकारियों को निलंबित करते हुए जांच बैठा दी है। पूरी एनर्जी अकाउंटिंग कराएंगे। कहीं भी कोई गड़बड़ी पकड़ी जाएगी तो सीधे सख्त कार्रवाई होगी। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

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