उत्तर प्रदेश

गर्भस्थ शिशु की मौत मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की कार्रवाई

लखीमपुर खीरी में निजी अस्पताल में गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई की है। अस्पताल को सील कर दिया गया है। वहीं, गर्भवती को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कराने वाली आशा बहू को नोटिस दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में इलाज के दौरान गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लिया है। निजी अस्पताल को सील कर दिया गया है। आशा बहू को नोटिस जारी किया गया है। महिला के नि:शुल्क इलाज के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

लखीमपुर खीरी के ग्राम नौसर जोगी निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी को प्रसव पीड़ा होने पर बिजुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि अभी प्रसव का समय नहीं है। गर्भवती की तबीयत गड़बड़ है। लिहाजा गर्भवती को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसी दौरान विपिन की साली ने आशा बहू दीपा से संपर्क किया।

रुपये जमा नहीं करने पर इलाज नहीं किया गया
आरोप है कि आशा बहू दीपा ने उसे महेवागंज के गोलदार हॉस्पिटल में भर्ती करावा दिया। वहां 21 अगस्त को चिकित्सक द्वारा गर्भवती को देखा गया। अस्पताल प्रबंधन ने रुपये जमा करने के लिए कहा। रुपये जमा नहीं करने पर गर्भवती महिला का इलाज नहीं किया गया। कुछ रुपए जमा करने के बाद इलाज शुरू किया गया।

इलाज शुरू करते ही गर्भवती महिला की हालत ज्यादा गंभीर हो गई। आरोप है कि डॉक्टरों ने नर्सों की मदद से गर्भवती को अस्पताल से भगा दिया। इसके बाद परिजन गर्भवती रूबी को लेकर एक अन्य अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने जांच की बताया कि शिशु की पेट में मृत्यु हो चुकी है। गलत दवा खिलाने से ऐसा हुआ है। तब डॉक्टर द्वारा मृत बच्चा ऑपरेशन कर निकाला गया।

तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई
परिजनों ने गोलदार अस्पताल प्रबंधन पर गलत इलाज का आरोप लगाया। मामले की जानकारी होने पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मुख्य चिकित्साधिकारी को अस्पताल सील करने का निर्देश दिया। ऐसे में तत्काल अस्पताल सील कर दिया गया है। आरोपी आशा को नोटिस जारी की गई है। तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई है।

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