उत्तर प्रदेश

यूपी : बरेली में 24 घंटे में 86 मिमी बरसा पानी, अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना, यलो अलर्ट जारी

बरेली में बारिश का क्रम जारी है। सावन के अंतिम सोमवार को सुबह छह बजे से ही बारिश शुरू हो गई। दोपहर 12 बजे के बाद भी बारिश जारी रही। शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में बीते 24 घंटे में 86 मिमी बारिश हो चुकी है। छह अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बारिश का सिलसिला रविवार से जारी है। दिनभर बादल मंडराते रहे। दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक हल्की और तेज बारिश से शहरवासी सराबोर हुए। इससे पहले शनिवार रात नौ बजे से अनुकूल माहौल बनने पर शुरू हुई बारिश रुक-रुककर रात भर जारी रही। रविवार सुबह 8.30 बजे तक करीब दस मिमी बारिश दर्ज की गई। फिर रविवार दिन भर में करीब 56 मिमी बारिश से शहरवासी सराबोर हुए।

जुलाई में खूब छाए बादल
जुलाई माह में खूब बादल छाए। मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते 11 साल में इस बार सबसे कम 266 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 2014 में 208.1 मिमी बारिश हुई थी। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक, जून-जुलाई में सामान्य तौर पर 390.5 मिमी बारिश होती है, पर इस वर्ष सिर्फ 338.7 मिमी बारिश हुई।

यह सामान्य के सापेक्ष 13 फीसदी कम है। प्रशांत और हिंद महासागर में अलनीनो के नकारात्मक प्रभाव की वजह से कम अवसरों पर ही बारिश के अनुकूल माहौल बन सका। जबकि, तेज धूप निकलने और वातावरण में मौजूद नमी की अधिकता ने उष्मीय विकिरण को बढ़ाया। पारा सामान्य से कम होने पर भी लोगों को दो-तीन डिग्री ज्यादा सेल्सियस ज्यादा गर्मी का अहसास हुआ।

मौसम में बदलाव से बुखार
बारिश और धूप से तापमान में हो रहे बदलाव के चलते सेहत के प्रति जरा सी बेपरवाही लोगों को बीमार बना रही है। रविवार को आरोग्य मेले में पहुंचे 4141 मरीजों में करीब दो हजार से ज्यादा सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त, त्वचा रोग के रहे।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनुराग गौतम के मुताबिक, बारिश के दौरान खानपान में सावधानी न बरतने से उल्टी, दस्त और वायरल बुखार की चपेट में लोग आ रहे हैं। वहीं, तापमान में उतार-चढ़ाव से फ्रिज का ठंडा पानी, आइसक्रीम का सेवन सर्दी, खांसी और गले में जकड़न की वजह बन रहा है। बताया कि इसके अलावा बारिश में भीगने और उमस में पसीने से त्वचा रोगियों की तादाद बढ़ी है। बताया कि मरीजों को दवा और बचाव का परामर्श दिया गया।

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