धर्म/अध्यात्म

योगिनी एकादशी पर करें इन मंत्रों का जप, जीवन में आएगी खुशहाली

योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2025) बहुत फलदायी मानी जाती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। यह हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास करने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह 21 जून 2025 यानी कल मनाई जाएगी।

शास्त्रों में योगिनी एकादशी को बहुत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। यह हर साल आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष में आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह (Yogini Ekadashi 2025) 21 जून, 2025 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कठिन उपवास का पालन करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। वहीं, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों का जप परम कल्याणकारी माना गया है, जो इस प्रकार है।

।।भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम।।

ॐ परात्पराय नमः।
ॐ सर्वग्रह रुपिणे नमः।
ॐ सर्वभूतात्मकाय नमः।
ॐ दयानिधये नमः।
ॐ वेदवेद्याय नमः।
ॐ तीर्थकृते नमः।
ॐ पुण्य श्लोकाय नमः।
ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः।
ॐ परब्रह्मणे नमः।
ॐ नारायणाय नमः।
ॐ दानवेन्द्र विनाशकाय नमः।
ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः।
ॐ दामोदराय नमः।
ॐ गीतामृत महोदधये नमः।
ॐ अव्यक्ताय नमः।
ॐ पार्थसारथये नमः।
ॐ बर्हिबर्हावतंसकाय नमः।
ॐ युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे नमः।
ॐ बाणासुर करान्तकाय नमः।
ॐ वृषभासुर विध्वंसिने नमः।
ॐ वेणुनाद विशारदाय नमः।
ॐ जगन्नाथाय नमः।
ॐ जगद्गुरवे नमः।
ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः।
ॐ विष्णवे नमः।
ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः।
ॐ जयिने नमः।
ॐ सत्यभामारताय नमः।
ॐ सत्य सङ्कल्पाय नमः।
ॐ सत्यवाचे नमः।
ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः।
ॐ विदुराक्रूर वरदाय नमः।
ॐ दुर्येधनकुलान्तकाय नमः।
ॐ शिशुपालशिरश्छेत्रे नमः।
ॐ कृष्णाव्यसन कर्शकाय नमः।
ॐ अनादि ब्रह्मचारिणे नमः।
ॐ नाराकान्तकाय नमः
ॐ मुरारये नमः।
ॐ कंसारये नमः।
ॐ संसारवैरिणे नमः।
ॐ परमपुरुषाय नमः।
ॐ मायिने नमः।
ॐ कुब्जा कृष्णाम्बरधराय नमः।
ॐ नरनारयणात्मकाय नमः।
ॐ स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे नमः।
ॐ तुलसीदाम भूषनाय नमः।
ॐ बृन्दावनान्त सञ्चारिणे नमः।
ॐ बलिने नमः।
ॐ द्वारकानायकाय नमः।
ॐ मथुरानाथाय नमः।
ॐ मधुघ्ने नमः।
ॐ कञ्जलोचनाय नमः।
ॐ कामजनकाय नमः।
ॐ निरञ्जनाय नमः।
ॐ अजाय नमः।
ॐ सर्वपालकाय नमः।
ॐ गोपालाय नमः।
ॐ गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे नमः।
ॐ पारिजातापहारकाय नमः
ॐ पीतवसने नमः।
ॐ वनमालिने नमः।
ॐ वनमालिने नमः।
ॐ यादवेंद्राय नमः।
ॐ यदूद्वहाय नमः।
ॐ यादवेंद्राय नमः।
ॐ परंज्योतिषे नमः।
ॐ इलापतये नमः।
ॐ कोटिसूर्यसमप्रभाय नमः।
ॐ योगिने नमः।
ॐ गोपगोपीश्वराय नमः।
ॐ तमालश्यामलाकृतिये नमः।
ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः।
ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः।
ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः।
ॐ धेनुकासुरभञ्जनाय नमः।
ॐ अनन्ताय नमः।
ॐ वत्सवाटिचराय नमः।
ॐ योगिनांपतये नमः।
ॐ गोविन्दाय नमः।
ॐ शुकवागमृताब्दीन्दवे नमः।
ॐ मधुराकृतये नमः।
ॐ त्रिभङ्गिने नमः।
ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः।
ॐ मुचुकुन्दप्रसादकाय नमः।
ॐ नवनीतनटनाय नमः।
ॐ नवनीतविलिप्ताङ्गाय नमः।
ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः।
ॐ नन्दव्रजजनानन्दिने नमः।
ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः।
ॐ पूतनाजीवितहराय नमः।
ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः।
ॐ यमुनावेगासंहारिणे नमः।
ॐ नन्दगोपप्रियात्मजाय नमः।
ॐ श्रीशाय नमः।
ॐ देवकीनन्दनाय नमः।
ॐ सङ्खाम्बुजायुदायुजाय नमः।
ॐ चतुर्भुजात्तचक्रासिगदा नमः।
ॐ हरिये नमः।
ॐ यशोदावत्सलाय नमः।
ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः।
ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः।
ॐ पुण्याय नमः।
ॐ वसुदेवात्मजाय नमः।
ॐ सनातनाय नमः।
ॐ वासुदेवाय नमः।
ॐ कमलनाथाय नमः।
ॐ कृष्णाय नमः।
ॐ ॐ अनंताय नमः।

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