उत्तराखंड

प्रवासी परिंदों को भा रहा उत्तराखंड का मौसम, उठा रहे नजारों का लुत्फ

विकासनगर : देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में रुडी शेलडक के बाद छह प्रजातियों के परिंदे भी उत्तराखंड के मेहमान बन गए हैं। इंडियन पांड हेरोन, पर्पल हेरोन, ब्लैक विंग्ड सिल्ट, कॉमन कूट, कॉमन पोचार्ड, टफ्टेड प्रजाति के परिंदे भी आसन नमभूमि पहुंच चुके हैं। हालांकि इन प्रजातियों की संख्या अभी कम है। वहीं सुर्खाब की संख्या में इजाफा होने पर संख्या 300 के करीब जा पहुंची है। दुर्लभ पलास फिश ईगल का जोड़ा यहां पहले से मौजूद है।

जैसे-जैसे प्रवासी परिंदों की प्रजातियों और संख्या में इजाफा हो रहा है। वैसे ही आसन झील परिंदों का कलरव भी बढ़ गया है। साथ ही पक्षी प्रेमी भी प्रवासी परिंदों को कैमरों में कैद कर रहे हैं। अपने सोने से दमकते पंखों के कारण लोगों को सबसे ज्यादा सुर्खाब लुभा रहा है। प्रवासी परिंदों की सुरक्षा को चकराता वन कर्मियों ने रात-दिन की गश्त पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। रात में सशस्त्र वन कर्मी गश्त कर रहे हैं।

आपको बता दें कि अक्टूबर से अप्रैल पहले हफ्ते तक नमभूमि में प्रवास करने वाले परिंदों की सात प्रजातियां अभी तक पहुंच चुकी हैं। पलाश फिश ईगल का जोड़ा यहां पहले से मौजूद है। उत्तराखंड का मौसम इस जोड़े को इतना पसंद आया था कि प्रवासी परिंदों के जाने के बाद भी ईगल का जोड़ा आसन नमभूमि क्षेत्र में सेमल के पेड़ों पर रहा और उत्तराखंड में प्रकृति के हसीन नजारे का जमकर लुत्फ लिया।

चकराता वन प्रभाग की आसन टीम की ओर से सोमवार को की गई स्थानीय गणना में सुर्खाब के साथ ही छह अन्य प्रजातियों के परिंदे भी दिखे। सोमवार को इंडियन पांड हेरोन, पर्पल हेरोन, ब्लैक विंग्ड सिल्ट, कॉमन कूट, कॉमन पोचार्ड, टफ्टेड प्रजाति के परिंदे भी दिखाई दिए। उत्तराखंड की मेहमान बनी अन्य प्रजातियों की संख्या अभी काफी कम है, लेकिन सुर्खाब की संख्या रोजाना बढ़ रही है। आसन रेंजर जवाहर सिंह तोमर और बीट अधिकारी आसन प्रदीप सक्सेना के अनुसार प्रवासी परिंदों की सुरक्षा को रात दिन की गश्त की जा रही है।

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