राजनीति

हरदा की गुगली पर पंत का छक्का

देहरादून : सोशल मीडिया में अकसर भिड़ते रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश सरकार के वित्त, पेयजल एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत एक दफा फिर आमने-सामने हैं। पंत ने पेयजल निगम के एमडी के कथित स्टिंग की सीबीआइ या एसआइटी जांच को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा तो हरीश रावत ने इसे चतुर राजनीतिक खिलाड़ी की चाल करार दिया। पंत ने भी उसी अंदाज में जवाब देते हुए हरीश रावत को उनकी चर्चित लैटर डिप्लोमेसी की याद दिला पलटवार करने का मौका नहीं गंवाया।

तीन दिन पूर्व मीडिया में कथित स्टिंग आड़ में पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक को ब्लैकमेल करने के साथ ही एक मंत्री के आवास को चमकाने की खबर आई थी। इसे देखते हुए पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने मामले की सत्यता की जांच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रकरण की एसआइटी अथवा सीबीआइ जांच कराने के साथ ही जांच पूरी होने तक निगम के एमडी को अन्यत्र संबद्ध करने का अनुरोध किया था।

हालांकि, अभी सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया कि मामले में क्या निर्णय लिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंत के मुख्यमंत्री को लिखे इसी पत्र पर चुटकी लेते हुए हमला बोला।

हरीश रावत ने रविवार शाम प्रकाश पंत को संबोधित कर ट्वीट किया, ‘शाबाश, आपने एक चतुर राजनीतिक खिलाड़ी की तरह बॉल आगे के कोर्ट में डाल दी। आपके विभाग के अधिकारी का स्टिंग है, आप चाहते तो फाइल पर उनके खिलाफ एक्शन, जिसमें सीबीआइ जांच भी है, रिकमंड कर सकते थे। …. अंदाज बड़ा प्यारा है, साफ सुथरे भी दिखाई दें और एक्शन भी कुछ न करना पड़े।’ यहां तक कि रावत इस ट्वीट में अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में सचिव रहे एक आइएएस अधिकारी को लेकर भाजपा की तत्परता पर भी सवाल उठाने से नहीं चूके।

पूर्व मुख्यमंत्री के कटाक्ष का पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने तुरंत जवाब दिया। दिलचस्प बात यह कि पंत का जवाब भी उसी चुटीली शैली में सामने आया, जैसी पूर्व मुख्यमंत्री की रही। पंत ने जवाब में ट्वीट किया, ‘यह पत्र आपकी तरफ से अपनी सरकारों को लिखे गए पत्रों के समान नहीं है।

गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है, इसलिए प्रकरण की एसआइटी जांच कराने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया गया है, जिसमें निर्णय जल्द ही होगा।’ गौरतलब है कि हरीश रावत मुख्यमंत्री पद संभालने से पहले तमाम मुद्दों पर अपनी ही सरकार को पत्रों के जरिये कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूकते थे।

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