उत्तर प्रदेश

कांवड़ियों ने मचाया उत्पात, इलाहाबाद में पांच घंटे तक हाईवे रहा जाम

इलाहाबाद  हादसे में जख्मी शिव भक्त मुकेश के मौत की अफवाह ने बड़ा बवाल कराया। घटना से गुस्साए कांवड़िए सड़क पर उतर आए और फिर करीब पांच घंटे तक इलाहाबाद-वाराणसी राजमार्ग पर कब्जा जमाए रहे। पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना से राहगीरों के साथ ही आसपास के लोग सहम गए।

भयभीत दुकानदार अपनी दुकानों के शटर भी नहीं उठा सके। बवाल में सरकारी, प्राइवेट बसों के साथ ही करीब 50 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि चौकी पर खड़े पुलिस कर्मियों के वाहन चकनाचूर कर दिए गए। कांवड़ियों ने चौकी में आग भी लगाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके।

हादसा करीब सुबह 6.30 बजे हुआ लेकिन कहा जा रहा है कि चौकी होने के बाद भी वहां कोई पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। दुर्घटना के बाद जब मुकेश जख्मी हुआ तो उसे बचाने और ट्रक पकड़ने के चक्कर में तीन और कावंड़िए जख्मी हो गए। सूचना के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई। वहां मुकेश की हालत गंभीर होने पर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया गया।

इसी दौरान किसी ने हल्ला मचा दिया कि मुकेश की मौत हो गई। साथ ही यह भी अफवाह फैल गई की पुलिस ने मुकेश के शव को गायब कर दिया। आग की तरह फैली अफवाह से कावंड़ियों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया। निर्धारित मार्ग बदलकर कांवरिए दूसरे रूट पर आ गए और आने-जाने वालों पर ताबड़तोड़ पथराव शुरू कर दिया। फल लदे वाहनों में लूटपाट भी की गई।

इससे वाहनों में सवार मुसाफिर भयभीत हो गए तो महिलाएं और बच्चे चीख पड़े। खबर पाकर पहुंचे एडीजी एसएन साबत ने पीएसी और आरएफ बुलाकर हालात संभालना शुरू किया। दो घंटे बाद दोपहर 12 बजे अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें शांत कराया।

इंस्पेक्टर, थानेदार समेत 30 लोग जख्मी: पथराव में करीब 14 पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। वहीं बस, कार और बाइक सवार समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए। सुबह सात बजे से लेकर 11 बजे के बीच पुलिस और कांवड़ियों के बीच कई चरणों में झड़प हुई। कभी पुलिस कांवड़ियों पर भारी पड़ते तो कभी फोर्स बैकफुट पर आ जाती।

10 किलोमीटर तक लगा रहा भीषण जाम: बवाल के चलते करीब 10 किलोमीटर तक इलाहाबाद-वाराणसी राजमार्ग पर भीषण जाम लग गया। इलाहाबाद से वाराणसी जाने वाले और बनारस से इलाहाबाद की ओर आने वाले कई लोगों के जरूरी काम भी छूट गए। जाम के बीच ही एक एंबुलेंस भी फंस गई।

अगर तेल टैंकर में लग जाती आग: कावंड़ियों की गुस्साई भीड़ ने जाम में फंसे एक टैंकर को घेर लिया। इसके बाद उसमें आग लगाने की कोशिश करने लगे। यह देख ग्रामीण दौड़ पड़े और उन्हें रोक लिया। गांव वालों का कहना था कि अगर टैंकर में आग लग जाती तो बड़ी घटना हो जाती। कांवड़ियों ने बरौत चौकी पर धावा बोलने के बाद वहां रखी फाइलों को फाड़ डाला।

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