देश-विदेश

गैंगरेप एनसीआर छोड़ चुके बदमाश, अन्य राज्यों पर पुलिस की नजर

नोएडा । जेवर-बुलंदशहर हाई-वे पर चार महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म और एक शख्स की हत्या को सुलझाने में जुटी यूपी पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को पांच दिन बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है। यूपी पुलिस की सात टीमें एसटीएफ के साथ मिलकर बदमाशों की तलाश में जुटी हैं।

पुलिस सूत्रों की मानें तो 29 जुलाई, 2017 को बुलंदशहर में हाईवे पर हुए मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी सलीम बावरिया की तरह जेवर गैंगरेप के आरोपी भी पुलिस से बचने के लिए विभिन्न राज्यों में भाग रहे हैं। पुलिस ने शक जताया है कि ये सभी आरोपी अलग-अलग और कई राज्यों में छिपने का प्रयास कर सकते हैं।

गौरतलब है कि बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ गैंगरेप का मुख्य आरोपी सलीम बावरिया ने फरारी के दौरान पुलिस से बचने के लिए तकरीबन 3000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया था। बुलंदशहर में घटना को अंजाम देने के बाद सलीम अपने साथियों के साथ झारखंड, बिहार,पश्चिम बंगाल और हरिद्वार (उत्तराखंड) में छिपकर रहा था। कुछ ऐसा ही इस मामले में भी हो सकता है।

दिल्ली-एनसीआर से भाग चुके हैं बदमाश

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह घटना के बाद से यह गैंगरेप हाईप्रोफाइल बन गया, ऐसे में इसकी संभावना कम ही है कि आरोपी बदमाश दिल्ली-एनसीआर में कहीं छिपे हों।

पुलिस से बचने के लिए बदमाश नहीं लेकर आए थे मोबाइल

जेवर कांड को अंजाम देने वाले बदमाशों ने वारदात से पूर्व पुलिस से बचने के लिए जतन कर लिया था। बदमाशों को अच्छी तरह से पता था कि उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस सर्विलांस का सहारा लेगी। इस कारण वह वारदात को अंजाम देने के आने के दौरान मोबाइल साथ नहीं लेकर आए थे। यह जानकारी पुलिस और एसटीएफ को सर्विलांस से जांच के दौरान मिली।

ढाई हजार मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकाली, नहीं मिला कोई संदिग्ध

जांच में जुटी यूपी पुलिस और एसटीएफ ने घटना वाली रात 1 बजे से सुबह 4 बजे तक घटनास्थल पर चल रहे मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली। पुलिस को घटनास्थल के पास स्थित मोबाइल टावर से जुड़कर करीब ढाई हजार मोबाइल नंबर चलते मिले। इन नंबरों की जांच हुई, जिसमें कोई भी नंबर संदेहास्पद नहीं मिला।

पुलिस से बचने के लिए नहीं किया फोन का इस्तेमाल

इससे जांच टीम को साफ हो गया है कि पुलिस से बचने के लिए बदमाशों ने जान-बूझकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। इससे पुलिस की जांच और पेंचिदा हो गई है।

सर्विलांस के स्पेशलिस्ट पुलिस कर्मियों को भी नहीं मिली कामयाबी

अलीगढ़ से सर्विलांस के स्पेशलिस्ट पुलिस कर्मी भी बुलाए गए थे। उन्हें भी निराशा हाथ लगी। ऐसे में अब वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों का पकड़ना पुलिस के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।

वारदात के बाद पीड़ितों के तीन मोबाइल फोन भी नहीं चले

बदमाशों ने पीड़ित परिवार से तीन मोबाइल भी लूट लिया था। पुलिस ने उन तीनों मोबाइल की सर्विलांस से जांच की। तीनों मोबाइल वारदात के बाद से चालू नहीं हुए  हैं। इससे पुलिस का अंदेशा है कि बदमाशों ने मोबाइल फोन को कहीं फेंक दिया है। वह मोबाइल फोन को अपने साथ लेकर नहीं गए हैं।

अब मुखबिर के सहारे बदमाशों का पता लगाने में जुटी पुलिस

सर्विलांस की मदद से जांच में निराशा हाथ लगने के बाद पुलिस और एसटीएफ मुखबिर के सहारे जांच में जुट गई है। एसटीएफ की एक तीन टीमों को विभिन्न जेलों में भेजा गया है। वह जेल में बंद बदमाशों से पूछताछ कर रही है।

बदमाशों से यह पूछा जा रहा है कि इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले कौन-कौन से अपराधी हो सकते हैं। मुखबिरों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इसमें जेवर में पूर्व में तैनात रहे थाना प्रभारियों की भी मदद ली जा रही है।

हरियाणा के गैंग का फोटो दिखाया गया

बदमाशों का पता लगाने के लिए पुलिस ने हरियाणा के करीब सौ बदमाशों का फोटो पीड़ित परिवार को दिखाया। हालांकि, वारदात के वक्त अंधेरा होने के कारण पीड़ितों को बदमाशों को चेहरा ठीक से याद नहीं है। इस कारण उन्होंने फोटो से बदमाशों की पहचान करने से इन्कार कर दिया।

कल उपमुख्यमंत्री से मिलकर गुहार लगाएगा पीड़ित परिवार

पीड़ित परिवार का कहना हैं कि बुधवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या एपीजे स्कूल नोएडा आ रहे हैं। हम उनसे मुलाकात कर बदमाशों को जल्द पकड़े जाने की गुहार लगाएंगे। साथ ही पुलिस की तरफ से दुष्कर्म नकारे जाने को लेकर दिए गए बयान की शिकायत करेंगे।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button