अखाड़ों में चल रही रार के बीच बैठक में शामिल हुए सीएम धामी

देहरादून: अखाड़ों में चल रही रार के बीच होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए। 2027 अर्द्धकुंभ मेले को लेकर भी चर्चा की गई। कुल 97 दिनों के भव्य कुंभ में चार प्रमुख शाही स्नान होंगे। 14 जनवरी को पहला शाही स्नान होगा और अप्रैल में कुंभ का समापन होगा। चर्चा के दौरान सभी बातों पर संतों ने सहमति जताकर अखाड़ों से उठी पूर्व की आपत्तियों पर विराम लग गया।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचकर सभी तेरह अखाड़ों के साधु संतों का सम्मान किया। इस दौरान कुंभ हरिद्वार कार्यक्रम के लिए विशेष पंडाल बनाया गया। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप समेत कई विभागों के अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे।
सीएम ने अखाड़ों के प्रतिनिधियों व हितधारकों संग कुंभ की व्यवस्थाओं और सुविधाओं पर रायशुमारी की। इसमें शाही स्नान से लेकर हर समस्याओं के समाधान तथा भव्य-दिव्य कुंभ की रूपरेखा तैयार की गई। सीएम की बैठक से पूर्व बृहस्पतिवार को अधिकारी बैरागी से लेकर निर्मोही, निरंजनी से जूना समेत सभी 13 अखाड़ों में पहुंचकर समन्वय बनाने में जुटे रहे। पहले बैरागी संतों ने अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े में मेलाधिकारी सोनिका सिंह का स्वागत किया। संतों से चर्चा के दौरान मेलाधितकारी ने कहा कि सरकार और संतों के समन्वय से कुंभ मेले को दिव्य और भव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा।
संतों ने कुंभ मेले के लिए सहयोग का किया वादा
इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि आज सभी पूज्य संतों ने कुंभ मेले के लिए अपना पूरा आशीर्वाद और सहयोग देने का वादा किया, क्योंकि कुंभ मेला होता है, इसलिए हमारे पूज्य संत समाज का इसमें बड़ा रोल होता है। हमारे सभी अखाड़ों के सभी पूज्य संत आज यहां मौजूद थे।
सभी पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद थे, और यह पक्का करने के लिए कि 2027 में होने वाला यह मेला सच में दिव्य और शानदार हो, सभी ज़रूरी इंतज़ामों पर बात हो गई है। हमारे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और प्रेरणा से यह एक शानदार मेला होगा। सभी सकारात्मक अनुभव के साथ जाए। तैयारियां चल रही हैं, और सभी के सुझावों से हम कुंभ को बेहतर बनाएंगे।
13 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू होगा कुंभ मेला
कुंभ मेला मकर संक्रांति, 13 जनवरी को शुरू होगा, और 20 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि शुरुआती तारीखें घोषित हो चुकी हैं, लेकिन जैसे-जैसे सुझाव आएंगे, हम कार्यक्रम को आगे बढ़ाते रहेंगे। हमने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। लेकिन आज, पूज्य संतों के आशीर्वाद से, हम आगे बढ़ रहे हैं।


