बिहार चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में कलह जारी

बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यालय में नेताओं ने प्रदर्शन के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने इस मामले पर शीर्ष नेतृत्व से ही सवाल पूछ लिया है?
बिहार चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक दिन पहले कांग्रेस नेताओं के धरने के बाद सियासत गरमा गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद तारिक अनवर ने नेतृत्व पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि चुनाव में हुई शर्मनाक हार के बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को अविलंब समीक्षा बैठक बुलानी चाहिए थी। साथ ही, जिन लोगों की इस हार में प्रत्यक्ष या परोक्ष भूमिका रही है, उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वयं अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था। उन्होंने स्पष्ट पूछा कि धरने देने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी?
सांसद तारिक अनवर ने स्पष्ट कहा कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी, उनलोगों को इसकी समीक्षा करनी चाहिए। कहां चूक रह गई? क्या गलती हुई? इन सब चीजों के लिए समीक्षा करनी चाहिए थी। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया। अब सदाकात आश्रम में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसे बिहार की जनता देख रही है। इससे कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल हो रही है।
एक दिन पहले यानी शुक्रवार को टिकट बांटने से नाराज हुए कांग्रेसी सदाकात आश्रम पहुंच गए। यह लोग बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद पूर्णिया सांसद पप्पू यादव सदाकत आश्रम पहुंचे। विरोध करने रहे कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इसके बाद पप्पू यादव जमीन पर बैठ गए और उन्हें समझाने लगे। वहीं नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता टिकट चोर गद्दी छोड़ के नारे लगाने लगे। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाए कि पैसे लेकर टिकट बांटे गए। जिसने जमीन पर पांच साल मेहनत की। उसे टिकट नहीं मिला। जिसने पैसे दिए, उसे टिकट दिया गया। इस कारण कांग्रेस के खाते में महज छह सीटें आई हैं। हमलोग राहुल गांधी से अपील है कि वह बिहार में चुनाव में ऐसी स्थिति की समीक्षा करें। टिकट बांटने वाले नेताओं पर कार्रवाई करे। ईमानदार को बिहार कांग्रेस की जिम्मेदारी दी।



