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राइजिंग स्टार एशिया कप में कैच पर विवाद, अंपायर से गर्मा गई बहस

एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के भारत-ए और पाकिस्तान-ए के बीच मुकाबले में रविवार को एक बड़ा विवाद देखने को मिला। पाकिस्तान की पारी के 10वें ओवर में माज सदाकत ने सुयश शर्मा की गेंद पर सीधा शॉट खेला, जिसे नेहल वढेरा ने बाउंड्री लाइन के पास शानदार तरीके से पकड़ा। संतुलन बिगड़ने पर वढेरा ने गेंद को सीमा रेखा पार करने से पहले ऊपर उछाल दिया और साथी खिलाड़ी नमन धीर ने कैच पूरा कर लिया।

मैदान में मौजूद खिलाड़ियों को पूरा यकीन था कि ये वैध कैच है, लेकिन तीसरे अंपायर ने लंबी समीक्षा के बाद बल्लेबाज को नॉट आउट दे दिया। इस फैसले को देखकर भारतीय खिलाड़ी हैरान रह गए और कप्तान जितेश शर्मा ने ऑन-फील्ड अंपायरों से बहस भी की। सबसे अजीब बात यह रही कि अंपायर ने आउट न देने के बाद उसे छक्का भी घोषित नहीं किया। इससे खिलाड़ियों और दर्शकों की उलझन और बढ़ गई।

एमसीसी के नए नियम ने पैदा की नई परेशानियां

यह फैसला एमसीसी के उस नए नियम के आधार पर दिया गया, जिसे हाल ही में लागू किया गया है और जिसका उद्देश्य बाउंड्री के पास होने वाले रिले कैच को अधिक स्पष्टता देना है। एमसीसी के मुताबिक, यदि कोई फिल्डर हवा में रहते हुए गेंद को छूकर बाउंड्री के बाहर चला जाता है, तो दूसरी बार गेंद को छूने या कैच पूरा करने से पहले उसका शरीर पूरी तरह मैदान के अंदर होना चाहिए। नियम यह भी कहता है कि रिले कैच के समय यदि कोई फिल्डर बाउंड्री के बाहर गया है, तो कैच पूरा होने से पहले उसे मैदान की सीमा के भीतर लौटना अनिवार्य है।

क्यों अमान्य माना गया कैच?

इस मामले में वढेरा ने गेंद को बाउंड्री के पास संभाला, लेकिन बाहर जाते समय उन्होंने मैदान के अंदर वापस कदम नहीं रखा था जब तक नमन धीर ने कैच पूरा नहीं किया। एमसीसी के नए नियम के मुताबिक, यही कारण तीसरे अंपायर के नॉट आउट निर्णय का आधार बना। नए नियम के अनुसार अब गेंद को छूने वाले हर खिलाड़ी को जमीन छूना होता है। इसका मतलब:

कोई भी फील्डर बाउंड्री के बाहर हवा में रहते हुए गेंद को एक बार छू सकता है।

लेकिन उस स्पर्श के बाद उसे मैदान के भीतर उतरना और गेंद डेड होने तक वहीं रहना जरूरी है।

अगर वह उसी खेल के दौरान दोबारा बाहर जमीन छू लेता है, तो गेंद को बाउंड्री पार मान लिया जाएगा।

क्या वढेरा–धीर की रिले कैच वैध थी?

नेहल वढेरा ने पहली बार गेंद को तब छुआ जब वह बाउंड्री के बाहर हवा में थे। गेंद को वापस अंदर मारने के बाद वे बाउंड्री के बाहर ही जमीन पर उतरे, अंदर नहीं। नियम 19.5.2.1 के मुताबिक, जब कोई फील्डर हवा में बाउंड्री लाइन के बाहर रहते हुए गेंद को छुए और उसके बाद फिर से बाहर ही जमीन पर उतरे, तो गेंद उसी क्षण बाउंड्री मान ली जाती है। इसलिए, भले ही नमन धीर ने बाद में सीमा रेखा के भीतर साफ कैच पकड़ लिया हो, लेकिन गेंद पहले ही बाउंड्री के पार जा चुकी थी, क्योंकि वढेरा बाउंड्री के बाहर जमीन पर उतरे थे। इसी कारण थर्ड अंपायर का नॉटआउट का फैसला नए नियम के अनुसार सही था।

न तो छह रन मिले, न ही एक रन…

हालांकि, विवाद इसलिए बढ़ा क्योंकि यह चर्चा हो रही है कि वढेरा ने गेंद कब छोड़ा…बाउंड्री के अंदर रहते हुए या बाहर। मामला और उलझ गया क्योंकि पाकिस्तान-ए टीम को न तो छह रन मिले, न एक रन, क्योंकि बैटर क्रीज पार नहीं कर पाए। इस अप्रत्याशित फैसले का पूरा फायदा उठाते हुए सादाकत ने शानदार प्रदर्शन किया और पाकिस्तान को आसान जीत दिलाई। इस जीत के साथ पाकिस्तान सेमीफाइनल में पहुंच गया, जो उनका सीनियर टीम 2022 के बाद से नहीं कर पाई है।

मैच में बढ़ा रोमांच, भारत को मिली हार

इस घटना ने मैच का माहौल तनावपूर्ण कर दिया। भारतीय खिलाड़ी अपने आप को सही मानते रहे, जबकि अंपायर नियमों के आधार पर निर्णय देते दिखे। भारत को इस मैच में आठ विकेट से हार झेलनी पड़ी। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी की और 19 ओवर में 136 रन पर सिमट गई। जवाब में पाकिस्तान की टीम ने 13.2 ओवर में दो विकेट पर लक्ष्य हासिल कर लिया।

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