मेक इन इंडिया को मिली नई उड़ान

लखनऊ: मेक इन इंडिया पहल और वैश्विक गुणवत्ता सेवाओं में देश की बढ़ती भूमिका को नया आयाम देते हुए गार्जियन एसेसमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने कतर की राजधानी दोहा में अपने प्रतिनिधि कार्यालय गार्जियन मिडिल ईस्ट एलएलसी की स्थापना की घोषणा की है। यह कदम कतर फाइनेंशियल सेंटर फ्रेमवर्क के तहत उठाया गया है।
कंपनी के निदेशक प्रज्ञेश कुमार सिंह ने कहा कि कतर में विस्तार इस बात का प्रमाण है कि भारतीय एमएसएमई भी वैश्विक स्तर की गुणवत्ता और विश्वसनीयता प्रदान कर सकते हैं। यह विस्तार न केवल भारत के एमएसएमई सेक्टर की वैश्विक उपस्थिति को सशक्त बनाता है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अब केवल विनिर्माण क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि गुणवत्ता, पारदर्शिता और गवर्नेंस सेवाओं का भी वैश्विक प्रदाता बन रहा है। उन्होंने कहा कि गार्जियन एसेसमेंट, भारत की उन चुनिंदा एमएसएमई कंपनियों में शामिल है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणन और ऑडिट सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने आगे बताया कि भारत और कतर के बीच 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 18 अरब डॉलर से अधिक रहा। कतर नेशनल विजन 2030 के तहत तेजी से बढ़ते उद्योगों में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रमाणन सेवाओं की मांग बढ़ रही है। ऐसे में गार्जियन मिडिल ईस्ट एलएलसी भारत की विशेषज्ञता और खाड़ी देशों की जरूरतों के बीच सेतु का कार्य करेगी। कंपनी के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत और मध्यपूर्व के बीच औद्योगिक सहयोग, रोजगार और ज्ञान हस्तांतरण को यह पहल मजबूत करेगी।
रोजगार और आर्थिक प्रभाव
कंपनी के निदेशक ने बताया कि गार्जियन एसेसमेंट के इस विस्तार से आने वाले तीन वर्षों में भारत और मध्यपूर्व में 200 से 300 प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होने की संभावना है। साथ ही 500 से अधिक प्रमाणित ऑडिटरों को जोड़ा जाएगा। कंपनी की मध्यपूर्व शाखा से पांच वर्षों में 100–150 करोड़ रुपये का राजस्व अनुमानित है, जो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में योगदान देगा।
कौशल विकास और उद्योग मानकों में सुधार
कंपनी के अनुसार, स्किल इंडिया मिशन के तहत कंपनी भारतीय युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित ऑडिटर और लीड ऑडिटर प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है। इसमें आईएसओ 9001, आईएसओ 14001, आईएसओ 45001, आईएसओ 27001 जैसी मानकों पर प्रशिक्षण शामिल होगा, जिससे युवाओं को वैश्विक स्तर करियर के अवसर मिलेंगे।




