रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू

केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई है। इसके तहत शनिवार को केदारनाथ धाम के क्षेत्रपाल भकुंट भैरवनाथ मंदिर में आखिरी पूजा-अर्चना हुई। इसी के साथ केदारनाथ स्वयंभू लिंग से शृंगार भी हटा दिया गया अब आरती भी सूक्ष्म रूप से होगी।
केदारनाथ मंदिर के कपाट 23 अक्तूबर को विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे। शनिवार को केदारनाथ के क्षेत्रपाल भकुंट भैरवनाथ मंदिर में आखिरी पूजा हुई। दोपहर बारह बजे से तीन घंटे तक विशेष पूजाएं हुईं। आचार्य संजय तिवारी, आचार्य तेजप्रकाश त्रिवेदी, बागेश्वर लिंग ने पूजा की।
केदार सभा के महामंत्री अंकित सेमवाल ने बताया कि 22 अक्तूबर को केदारनाथ की पंचमुखी डोली भंडार गृह से सभामंडप में विराजमान होगी और 23 को तड़के 3 से पांच बजे तक केदारनाथ की समाधि पूजा होेगी। इसके बाद सुबह 6 बजे केदारनाथ गर्भगृह के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। सुबह साढ़े आठ बजे केदारनाथ की पंचमुखी डोली वेदपाठी, आचार्यगण और हक-हकूकधारियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।
24 को डोली गुप्तकाशी विश्वनाथ मंदिर में और 25 को विधि-विधान से शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। इस मौके पर केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र तिवारी, अंकित सेमवाल, विनोद शुक्ला, अनिल शुक्ला और पंकज शुक्ला आदि मौजूद रहे।