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भारत-पाकिस्तान मैच के भविष्य पर उठने लगे सवाल, हालिया विवादों ने बदल दिया माहौल

भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मैच हमेशा से वैश्विक क्रिकेट में चर्चा का केंद्र रहा है लेकिन इस बार एशिया कप में जो हुआ वैसा पहले कभी नहीं हुआ। यही कारण है कि अब इसके भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान कप्तान माइकल अथर्टन ने आईसीसी को भारत और पाकिस्तान के बीच मैचों को व्यवस्थित करने पर फिर से विचार करने की सलाह दी है। भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं। पिछले कुछ सालों में एशिया कप, टी-20 विश्व कप, वनडे विश्व कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बहुदेशीय टूर्नामेंट में ही ये दोनों टीमें आपस में भिड़ती नजर आईं हैं।

भारत ने नहीं मिलाया हाथ

भारतीय टीम ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में दुबई और शारजाह में संपन्न हुए एशिया कप में पाकिस्तान के विरुद्ध लीग मैच में हाथ नहीं मिलाने का निर्णय लिया। यही नहीं कप्तान सूर्य कुमार यादव ने उस हमले के मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के साथ खड़े होने की बात कही। इससे गुस्साए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहले मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को एशिया कप से हटाने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर यूएई के विरुद्ध मैच का बायकाट करने की धमकी दी।

वह मैच एक घंटे की देरी से शुरू हुआ। इसके बाद सुपर-4 के मैच मैच में हारिस रऊफ, फहीम अशरफ और साहिबजादा फरहान ने भारत के खिलाफ विवादास्पद और भड़काऊ हावभाव दिखाए। टूर्नामेंट का अंत तब हुआ जब भारत ने पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इन्कार कर दिया। अपनी बेइज्जती के बाद एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) व पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नकवी ट्रॉफी लेकर भाग गए।

नहीं रहा कूटनीति का माध्यम

विजेता होने के बावजूद भारतीय टीम को अब तक ट्रॉफी नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक ट्रॉफी अभी दुबई स्थित एसीसी के ऑफिस में रखी है। अथर्टन ने अपने कॉलम में लिखा है कि क्रिकेट अब कूटनीति का माध्यम नहीं रहा बल्कि यह व्यापक तनावों का एक जरिया बन गया है। उन्होंने आर्थिक लाभ के लिए बड़े टूर्नामेंट में ग्रुप मैचों को जानबूझकर तय करने की प्रथा को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने भविष्य के आईसीसी टूर्नामेंट के लिए पारदर्शी ड्रॉ रखने का सुझाव दिया है।

मालूम हो कि पिछले महीने 28 तारीख को दुबई में हुए एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराया था। इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान की टीम तीन बार भिड़ीं और तीनों मैच सूर्य कुमार यादव की टीम ने जीते। अथर्टन ने लिखा कि आईसीसी आयोजनों में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच तय करने के आर्थिक और कूटनीतिक कारण हो सकते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि इस प्रथा को खत्म किया जाए।

उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच संबंध लगातार बिगड़ रहे हैं इसलिए इस तरह के मैचों को जानबूझकर आयोजित करना ठीक नहीं है। हालांकि जब इस मामले में बीसीसीआई पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये सब बातें करना आसान है लेकिन क्या प्रायोजक और प्रसारणकर्ता इसके लिए तैयार होंगे? आज की स्थिति में भारत ही नहीं, कोई भी बड़ी टीम अगर किसी टूर्नामेंट से हट जाए तो प्रायोजक लाने मुश्किल हो जाएंगे।

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